राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात की, कहा- दोनों पक्षों को सकारात्मक गति बनाए रखनी चाहिए
किंगदाओ/नई दिल्ली, 27 जून (वेब वार्ता)। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट के दौरान भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री डॉन की मुलाकात हुई। राजनाथ सिंह ने खुद इसकी जानकारी दी। बैठक के बारे में जानकारी साझा करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया। रक्षा मंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने पर खुशी जताई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन जून के साथ बातचीत की। हमने द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित मुद्दों पर रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया।
लगभग 6 साल के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर अपनी खुशी व्यक्त की। दोनों पक्षों के लिए ये जरूरी है कि वो इस सकारात्मक गति को बनाए रखें और द्विपक्षीय संबंधों में नई जटिलताओं को जोड़ने से बचें।”
राजनाथ सिंह एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए गुरुवार को चीन पहुंचे। उनके आगमन पर एडमिरल डॉन जून ने उनका स्वागत किया। राजनाथ सिंह, डॉन जून और अन्य नेताओं ने रक्षा मंत्रियों की बैठक से पहले एक ग्रुप फोटो करवाया।
एससीओ सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री सिंह ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 नागरिक मारे गए थे। उन्होंने कहा कि भारत ने सीमा पार आतंकी ढांचे को नष्ट करने के लिए “ऑपरेशन सिंदूर” के माध्यम से आत्मरक्षा के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।
उन्होंने एससीओ देशों से दोहरे मानदंडों को अस्वीकार करने और आतंकवाद की मदद करने वालों को जवाबदेह ठहराने का भी आग्रह किया। भारत ने एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में संयुक्त घोषणापत्र का समर्थन करने से इनकार कर दिया, क्योंकि इस घोषणापत्र में आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं को बाहर रखा गया था।