वडोदरा : यूनिवर्सिटी सत्ताधीशों की जिद्द के आगे दुर्घटना में घायल छात्रा नहीं दे पाई परीक्षा

वडोदरा : यूनिवर्सिटी सत्ताधीशों की जिद्द के आगे दुर्घटना में घायल छात्रा नहीं दे पाई परीक्षा

कभी-कभी नियमों के आगे मानवता भी लाचार हो जाती है। वडोदरा की विश्व विख्यात एमएस यूनिवर्सिटी में ऐसा ही कुछ हुआ जहां सत्ताधीशों ने नियम पालन की ऐसी जिद्द पकड़ ली कि दुर्घटना में घायल एक छात्रा परीक्षा नहीं दे पाई।
इस घटना के बारे में विस्तार से बताएं तो यूनिवर्सिटी की छात्रा जिसकी टीवायबीकॉम की परीक्षा होनी थी, वह परीक्षा देने के लिए सुबह अपने घर से निकली। रास्ते में उसकी स्कूटी एक कुत्ते से टकरा गई और वह गिर गई। उसके चेहरे पर चोट आई। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने युवती के परिवार वालों को सूचना दी और उसे अस्पताल ले जाया गया। वहां उसे प्राथमिक उपचार दिया गया और उसके मुंह पर 5 टांके भी लगे। इलाज करवाने में देरी हो जाने के कारण वह परीक्षा केंद्र देरी से पहुंची।
यूनिवर्सिटी का नियम यह कहता है कि यदि कोई छात्र 30 मिनट से ज्यादा देर कर दे तो उसे परीक्षा में बैठने नहीं दिया जा सकता। इस नियम का हवाला देकर यूनिवर्सिटी के सत्ताधीशों ने युवती की मिन्नतों की परवाह किए बगैर उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया। यहां मानवता यह कहती थी कि चुंकि युवती दुर्घटना का शिकार हो गई थी और अस्पताल में इलाज में हुई देरी की वजह से वह परीक्षा केंद्र लेट पहुंची थी तो उसे नियमों में छूट देकर कम से कम परीक्षा देने दिया जाता। युवती का कहना था कि यदि उसे परीक्षा देने दी जाती तो वह छोटे प्रश्नों और एमसीक्यू लिख कर कम से कम पास हो जाती। लेकिन सत्ताधीशों की जिद्द के आगे युवती का 1 साल बिगड़ गया।
Tags: Vadodara