वड़ोदरा : जिसको मृत समझकर परिजनों ने किया अंतिम संस्कार, वह शख्स जिंदा वापस लौटा

पुलिस के मिले एक अज्ञात शव को अपने पुत्र का शव बताकर किया अंतिम संस्कार, अब पुलिस कर रही है मामले की जाँच

इस प्रकृति का सबसे बड़ा सत्य यही हैं कि जो एक बार चला जाता है वो लौट कर नहीं आता पर वड़ोदरा में एक बहुत ही अनोखा मामला सामने आया है। यहाँ परिजनों ने एक शख्स का अंतिम संस्कार तक कर दिया और वहन शख्स रात को वापस लौट आया। दरअसल पुलिस को दुमाड चोकड़ी और जीएसएफसी के बीच एक अज्ञात शव मिला। इसके बाद शव की गलत पहचान होने के बाद शव के उनके तथाकथित परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों ने उस शव का अंतिम संस्कार कर दिया। फिर उसी शाम जिसका अंतिम संस्कार किया गया वह जिंदा लौटने से सभी लोग स्तब्ध है।
इस मामले में पीएसआई केएच अंबारिया ने बताया कि 16 तारीख को दुमाड के पुराने खेत में कंस के पास अज्ञात व्यक्ति का एक 24 घंटे पुराना का शव मिला था। जिसका पोस्टमॉर्टम शुरू हो गया था। इस बीच, जो छायापुरी रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले संजय के पिता सनाभाई ने शव की पहचान अपने बेटे संजय के रूप में की। पुलिस द्वारा शव सौंपे जाने के बाद अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद जब संजय जिंदा वापस लौट आये तो इससे हडकंप मच गया।
पुलिस ने उस व्यक्ति से एक हलफनामा लिया जिसे शव सौंपा गया था और उसने माना लिया कि उसने गलती की है। पुलिस ने कहा कि जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया उसके नाम पर कोई बीमा पॉलिसी या कुछ और नहीं था। शव किसका है, इसकी शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने प्रारंभिक अवस्था में प्राकृतिक मौत का पता लगाया और सटीक कारण का पता लगाने के लिए विसरा लाई को प्रयोगशाला भेजा। पुलिस ने फौरन सयाजी अस्पताल के डॉक्टर से संपर्क किया और पूरी सच्चाई का खुलासा किया और समझा गया कि संजय का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
परिजनों द्वारा पुलिस को दी गयी जानकारी के अनुसार संजय का फोन एक महीने से बंद था और वह ट्रक ड्राइवर का काम करता है। झगड़े के बाद वे वाघोड़िया के रामेश्वरा गांव चले गए। परिवार का कहना है कि शव के सूज जाने के कारण पहचान कर पाना मुश्किल हो गया था। फिलहाल अब पुलिस इस मामले में अपनी जाँच कर रही है और ये भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जिसका अंतिम संस्कार हुआ है वो शव किसका था।