सूरत : कपड़ा मार्केट की तेजी, ट्रांसपोर्टर्स में लंबी वेटिंग से डिलीवरी में हो रही परेशानी

सूरत : कपड़ा मार्केट की तेजी, ट्रांसपोर्टर्स में लंबी वेटिंग से डिलीवरी में हो रही परेशानी

मार्केट से ट्रांसपोर्ट भेजे जा रहे 30 फीसदी पार्सल हो रहे है रिटर्न

कपड़ा बाजार में दिवाली के बाद उत्तर प्रदेश- बिहार में छठ्ठ पूजा के करण सूरत के कपड़ा उद्योग में तेजी का माहौल है। रोजाना 350 ट्रक में 250 करोड़ से ज्यादा के कपड़ा डिलीवरी हो रही है। बाहर जाने वाले ट्रक को रिटर्न गुड्स मिलने में देरी होने से सूरत में 30 फिसदी कपड़ा डिलीवरी पर असर हो रहा है। जिसके सामने ट्रांसपोर्टर्स नये ऑर्डर लेने से इंकार करना शुरू कर दिया है।
कोरोना के कारण सूरत के कपड़ा व्यापारी और उद्यमियों ने 2 वर्ष में करोड़ों का कारोबार गंवाया है। हालांकि दिवाली, छठ्ठपूजा और दक्षिण भारत में पोंगल के त्यौहार के कारण व्यापारियों को अच्छे आर्डर मिल रहे है। बाहर के व्यापारियों द्वारा माल का स्टॉक किया जा रहा है। कपड़ा मिलों भी ग्रे कपड़ा तैयार करने के लिए महाराष्ट्र से अच्छे आर्डर मिल रहे है।
दूसरी ओर प्रतिदिन दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और दक्षिण भारत में 350  ट्रक दौड़ाकर 250 करोड़ से ज्यादा की कपड़ा डिलीवरी की जा रही है। स्थानीय ट्रांसपोर्टर्स और कामगार यूनियन के मुताबिक बाहर जाने वाले ट्रक रिटर्न में कपड़े के शिवाय गुड्स लेकर आते है। जिसके कारण वापस लौटने देरी हो रही है। जिसका सीधा सर कपड़े की डिलीवरी पर पड़ रहा है। 30 फीसदी कपड़े की डिलीवरी पर ब्रेक लग गया है।
मजदूर यूनियन के अग्रणियों का कहना है कि ट्रांसपोटर्स के पास पर्याप्त ट्रक नहीं होने से रोजाना 30 फीसदी कपड़े की डिलीवरी पर ब्रेक लग गया है। जिसके कारण रिंगरोड कपड़ा मार्केट विस्तार से कडोदरा कपड़ा पार्सल को लेकर जाने पर मजदूरों को वापस ले आने की नौबत आयी है। जिसके सामने माल वापस लाने की मजदूरी देने की मांग उठी है।
टेक्सटाइल ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख युवराज देसले ने बताया कि फिलहाल 350 ट्रकों के जरिये कपड़ा डिलीवरी हो रही है। नवरात्रि पूर्व और नवरात्रि दौरान रोजाना 450 ट्रक भरकर कपड़े की डिलीवरी सूरत से होती थी। अब रिटर्न में आने वाले ट्रक केमिकल, दवा, मशीनरी लेकर आने से देरी हो रही है। जिसके कारण कुछ ट्रांसपोटर्स के पास काम ज्यादा है। जिसके कारण वेटिंग बढ़ गई। कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले ही व्यापारियों ने माल का स्टॉक करना शुरू करने से भी डिलीवरी का कामकाज बढ़ा है। 
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