सूरत : आप के बढ़ते जोर को देखते हुए कांग्रेसी नेता दिनेश काछ़ड़िया ने बदला पाला

सूरत : आप के बढ़ते जोर को देखते हुए कांग्रेसी नेता दिनेश काछ़ड़िया ने बदला पाला

कहा - समर्थकों की इच्छा का सम्मान करते हुए कांग्रेस छोड़कर आप का दामन थामा, पार्षद भी रह चुके हैं, विधानसभा चुनाव भी लड़े

कांग्रेस के पूर्व पार्षद दिनेश काछडिया ने छोड़ी कोंग्रेस, थामा आप पार्टी का हाथ

कोंग्रेस पार्टी के टिकिट पर पांच पर लड़ चुके हैं चुनाव

सूरत मनपा के चुनाव में बुरी तरह से पराजय के बाद सूरत कोंग्रेस में सन्नाटा फैल गया है। सूरत कोंग्रेस के पदाधिकारी एक-दूसरे पर अपनी हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। दूसरी ओर सूरत में आम आदमी पार्टी की एंट्री के बाद राजनीतिक परिदृश्य बदलने लगा है। कांग्रेस के कई कार्यकर्ता और पूर्व कोर्पोरेटर आप पार्टी में जुड़ सकते हैं ऐसे कयास लगाए जा रहे थे। 

दिनेश काछ़डिया ने पार्टी को कहा ‌अलविदा

इसी क्रम में कोंग्रेस के पूर्व कोर्पोरेटर दिनेश काछड़िया ने कांग्रेस के सभी पदों पर से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली है। उन्होंने सोमवार की दोपहर को कांग्रेस के सभी पदो से त्यागपत्र देने की जानकारी प्रदेश प्रमुख अमित चावड़ा को दे दी थी।

बताया जा रहा है कि दिनेश काछडिया बीते 15 साल से कांग्रेस में सक्रिय थे। 5 बार कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्होंने महानगरपालिका और विधानसभा का चुनाव लड़ा। 2010 में वह महानगर पालिका का चुनाव हार गए थे, 2012 में विधानसभा के चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2015 में वह महानगर पालिका का चुनाव जीतकर कॉर्पोरेटर बने थे। फूलपाड़ा ए.के रोड क्षेत्र के नगरसेवक के तौर पर उन्हें चुना गया था। अपने क्षेत्र में और सूरत महानगर पालिका में वह सक्रिय थे। आखिरकार इस बार कांग्रेस को मिली बुरी पराजय के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी जोड़ने का फैसला किया।

दिनेश काछडिया ने कहा- समर्थकों के कहने पर बदली पार्टी

मीनी सौराष्ट्र के तौर पर प्रचलित वराछा क्षेत्र में इन दिनों आप पार्टी की लहर चल रही है। ऐसे में दिनेश काछडिया ने आप पार्टी ज्वाइन करके राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया है। दिनेश काछड़िया ने मीडिया को बताया कि मैंने कांग्रेस की ओर से 5 बार चुनाव लडा है। हाल में सूरत शहर की जो परिस्थितियां हैं, इसे देखते हुए मुझे ऐसा लगा कि कुछ करना चाहिए। मेरे साथ जुड़े समर्थकों का भी आग्रह था कि मैं आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ जाऊं। मैं कांग्रेस से बिल्कुल नाराज नहीं हूं। कांग्रेस की ओर से लड़ने के बाद मुझे जो परिणाम मिला वह स्वीकार है। मेरे मत क्षेत्र के लोगों के साथ बैठकर चर्चा की और उनके निर्देश के अनुसार ही मैंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन किया है।

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