सूरतः मिनी लॉकडाउन के बाद जिम खुलने पर प्रबंधक ने क्या कहा, जानें

सूरतः  मिनी लॉकडाउन के बाद जिम खुलने पर प्रबंधक ने क्या कहा, जानें

शारीरिक रूप से ठीक हो जाऊंगा, लेकिन आर्थिक नुकसान तोड़ दिया, जिम बंद होने से जिम से जुड़े कई परिवार आर्थिक तंगी में हैं

अनलॉक किए गए मिनी लोडकॉइन को शुक्रवार से और छूट दी गई है। जिसमें जिम शुरू करना भी शामिल है। जिम संचालकों में खुशी फैल गई है कि सरकार ने जिम को शुरू करने की इजाजत दे दी है। शुक्रवार से सूरत शहर का जिम एक बार फिर धमकने लगा है। जिम मैनेजर ने कहा कि वह शारीरिक रूप से ठीक हो जाएगा, लेकिन आर्थिक नुकसान से टूट गया है।
कोरोना काल में पहली बार जिम, मल्टीप्लेक्स थिएटर, स्वीमिंग पूल आदि बंद किए गए। सरकार ने कोरोना के संक्रमण के कारण इसे लंबे समय तक बंद रखने का फैसला किया। कोरोना काल में जो पहले बंद हुआ था वह देर से शुरू हुआ है। कोरोना के संक्रमण के पहले चरण के दौरान जिम करीब सात से आठ महीने के लिए बंद था। फिर दूसरे लहर में तीन महीने से अधिक समय तक जिम बंद रहने से जिम संचालकों की मुश्किलें बढ़ गईं।
सूरत शहर में करीब ढाई सौ जिम हैं। अधिकांश जिम किराए की संपत्ति पर चल रहे थे। जिम बंद होने के कारण मेंटेनेंस भी नहीं हो पा रहा था। क्योंकि आय के सभी स्रोत बंद हो गए थे। सरकार कभी-कभी कर्फ्यू या मिनी लॉकडाउन में छोटी-बड़ी रियायतें देती थी। जिसमें जिम को बाहर कर दिया गया। नतीजतन, जिम से जुड़े कई परिवारों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। 
सालों से वर्कआउट कर रहे चेतन देसाई ने कहा कि कोरोना की वजह से लंबे समय से जिम बंद था। मैं खुद 10 से 12 साल से वर्कआउट कर रहा हूं। स्वस्थ रहना मेरा शौक है। मैं जिम को बहुत गंभीरता से लेता हूं लेकिन मैं कोरोना संक्रमण के कारण जिम नहीं आ सका और इससे मेरी सेहत पर भी असर पड़ा है। सरकार के इस फैसले से थोड़ी राहत मिली है। हम जैसे कई कामकाजी लोगों के लिए खुशखबरी है। सरकार द्वारा अब तक लिए गए सभी फैसले लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं।
एथलेटिका जिम की फिटनेस ट्रेनर डिंपल भगत ने कहा कि जिम का कारोबार फिलहाल आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। जिम के जरिए बहुत से लोगों को रोजगार मिलता है। सूरत शहर में कई परिवार जिम पर निर्भर हैं। शहर में चल रहे ज‌िम प्रशासकों द्वारा बार-बार सरकार से जिम शुरू करने की पेशकश की गई, ताकि हम वित्तीय कठिनाइयों से बाहर निकल सकें। सरकार ने जो निर्णय लिया है उसके दिशा निर्देशों के अनुसार हम  सभी नियम लागू कर रहे हैं ताकि लोगों के स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े।
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