सूरत : टेक्सटाइल पर्व 2.0 (दिन 5), 'विकसित भारत @2047' में भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री की भूमिका पर चर्चा
ATIRA के चेयरमैन डॉ. अश्विन ठक्कर ने सूरत की ग्रोथ को सराहा, टेक्निकल टेक्सटाइल और R&D पर ज़ोर
सूरत : सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के GFRRC (ग्लोबल फैब्रिक रिसोर्स एंड रिसर्च सेंटर) द्वारा आयोजित टेक्सटाइल पर्व 2.0 का पांचवां दिन भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर के भविष्य पर महत्वपूर्ण चर्चाओं के नाम रहा। यह आयोजन 1 से 8 दिसंबर 2022 तक समृद्धि, नानपुरा, सूरत में प्रतिदिन शाम 5.30 बजे आयोजित हो रहा है।
शुक्रवार, 5 दिसंबर को आयोजित सेशन में अहमदाबाद टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज रिसर्च एसोसिएशन (ATIRA) के चेयरमैन डॉ. अश्विन ठक्कर ने ‘विकसित भारत @2047 में टेक्सटाइल इंडस्ट्री की भूमिका’ विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
डॉ. ठक्कर ने कहा कि पॉलिएस्टर के आगमन के बाद सूरत ने जिस गति से ग्रोथ हासिल की, वह पूरे देश के लिए मिसाल है। उन्होंने वैल्यू चेन का उदाहरण देते हुए बताया कि “पहले चीन भारत से धागा लेता था और उसी कीमत पर कपड़ा वापस देता था। आज पूरी वैल्यू चेन भारत में तैयार हो रही है, जिससे देश को नेट फॉरेन एक्सचेंज मिलता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत दुनिया का नंबर वन पॉलिएस्टर प्रोड्यूसर होते हुए भी चीन से पीछे है, और इस गैप को खत्म करने के लिए टेक्निकल टेक्सटाइल बड़ा अवसर है। मार्जिन ज़्यादा होने के कारण यह सेक्टर आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है।
डॉ. ठक्कर ने कहा कि आने वाले समय में स्थानीय स्तर पर टेक्सटाइल की मांग में भारी वृद्धि देखने को मिलेगी, जबकि एक्सपोर्ट बढ़ना निश्चित है। उन्होंने वैज्ञानिक तर्क प्रस्तुत करते हुए समझाया कि स्पोर्ट्सवियर में कॉटन की जगह पॉलिएस्टर का उपयोग क्यों अनिवार्य है, और वैश्विक मार्केट के ट्रेंड्स के आंकड़े साझा किए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री को न सिर्फ ‘विकसित भारत @2047’ विज़न में योगदान देना है, बल्कि 2070 तक नेट ज़ीरो एमिशन हासिल करने के राष्ट्रीय लक्ष्य में भी बड़ी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने R&D, टेक्निकल टेक्सटाइल और इंडस्ट्री की ग्रोथ में आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।
समारोह में चैंबर के प्रेसिडेंट निखिल मद्रासी ने स्वागत भाषण देते हुए अहमदाबाद और दिल्ली से विशेषज्ञों को बुलाकर इंडस्ट्री को इंटरनेशनल लेवल का ज्ञान देने के प्रयासों पर बात की।
डॉ. ठक्कर ने अंत में इंडस्ट्रियलिस्ट्स के प्रश्नों का समाधान करते हुए कई भ्रमों को दूर किया। कार्यक्रम को GFRRC के को-चेयरमैन अमरीश भट्ट ने मॉडरेट किया और धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
टेक्सटाइल पर्व 2.0 का यह सत्र उद्योग जगत को आने वाले 25 वर्षों के रोडमैप को वैज्ञानिक दृष्टि से समझने के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हुआ।
