कोरोना संक्रमित मरीजों की स्थिति देखकर अपने ही घर में युवक ने शुरू किया अस्पताल
By Loktej
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खुद के रिश्तेदार के लिए भटकना पड़ा था अस्पताल ढूँढने तो अन्य लोगों की मदद करने का कर लिया फैसला, दूर-दूर से लोग आ रहे है इलाज करवाने
देशभर में कोरोना ने अपना हाहाकार मचाया है। हर दिन लाखों की संख्या में केस सामने आ रहे है। अचानक से बढ़ रहे केसों के कारण मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर भी पूरी तरह से टूट चुका है। अस्पतालों में बेड खाली नहीं है, जिसके कारण मरीजों को अस्पताल के बाहर लाइन लगाकर खड़ा रहना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में कई सेवाभावी संस्थाओं द्वारा लोगों की सेवा करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। ऐसे में जेतपुर के एक किसान ने जो किया, उसे सुनकर आप सभी की उनकी तारीफ करते नहीं थकेंगे।
राजकोट के जेतपुर जिले मे रहने वाले किसान और काठी दरबार समाज के अग्रणी जेठुरभाई वाला ने कोरोना के मरीजों के लिए अपना आलिशान बंगला खोल दिया है। मरीजों के लिए अपने तीन माले के बंगले में बेड के अलावा ऑक्सीज़न, इलाज और खाने की सुविधा भी की गई है। मूल रूप से भडीयाद के रहने वाले और अभी जेतपुर के अमरधाम सोसाइटी में रहने वाले जेठुरभाई वाला के बंगले में जो कोई भी इलाज के लिया आता है, उसे किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता। मरीज और उनके साथ आए लोगों के खाने की व्यवस्था भी मुफ्त में की जाती है।
इस बारे में बात करते हुये जेठुरभाई ने कहा कि कुछ समय पहले जब उनके एक रिश्तेदार को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आई तो उन्हें काफी भटकना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने निर्णय किया की वह लोगों की मदद करेंगे। इस बारे में उनके मित्रों ने भी मदद की और उन्होंने रातोरात अपने बंगले को अस्पताल में बदल दिया। उनका कहना है की अभी उन्हें ऑक्सीज़न की कमी का सामना करना पड़ रहा है। यदि तंत्र द्वारा व्यवस्था की जाये तो वह शुल्क देकर भी ऑक्सीज़न खरीदने को तैयार है।
आगे बात करते हुये जेठुर भाई कहते है की मरीज और उनके परिवार के लिए उनका परिवार ही खाना बनाता है। हर दिन उनका परिवार ही खाना बनाता है। हर दिन लगभग 30-35 लोगों खाना खाते है और यदि किसी दिन आदमी ज्यादा हो जाये तो बाहर से खाना मँगवा लिया जाता है। इसमें उनके दोस्त भी सहायता करते है। पिछले 12 दिन से चल रहे इस काम की ख्याति पूरे सौराष्ट्र में फैली है। लोग दूर-दूर से इस जगह इलाज करवाने के लिया आ रहे है।