राजकोट में तीन दिवसीय हेरिटेज कंज़र्वेशन सेमिनार–कम–वर्कशॉप का शुभारंभ

कलेक्टर डॉ. ओम प्रकाश और राजविश्री मंधातासिंहजी जडेजा की मौजूदगी में विशेषज्ञों ने संरक्षण तकनीकों, डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन और विरासत प्रबंधन पर रखे विचार

राजकोट में तीन दिवसीय हेरिटेज कंज़र्वेशन सेमिनार–कम–वर्कशॉप का शुभारंभ

 स्पोर्ट्स, गेम्स, यूथ और कल्चर डिपार्टमेंट के अंतर्गत डिपार्टमेंट ऑफ आर्कियोलॉजी, राजकोट तथा आर्कियोलॉजी एंड म्यूज़ियम्स डिपार्टमेंट, गांधीनगर द्वारा राजकोट में तीन दिवसीय हेरिटेज कंज़र्वेशन एवं रेस्टोरेशन सेमिनार–कम–वर्कशॉप का आयोजन किया गया। होटल प्लैटिनम में हुए उद्घाटन समारोह में कलेक्टर डॉ. ओम प्रकाश और राजकोट के राजवी मंधातासिंहजी जडेजा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कलेक्टर डॉ. ओम प्रकाश ने कहा कि ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने के लिए डॉक्यूमेंटेशन और डिजिटाइजेशन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इंडियन आर्कियोलॉजिकल इंस्टिट्यूट के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इन प्रयासों से सांस्कृतिक धरोहर को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है।

राजवी मंधातासिंहजी जडेजा ने कार्यक्रम का स्वागत करते हुए कहा कि महलों, दरबारों और किलों जैसी अमूल्य धरोहरों के संरक्षण के लिए वैज्ञानिक और सुव्यवस्थित प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृति और इतिहास को संरक्षित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

सेमिनार के दौरान आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, एम.एस. यूनिवर्सिटी, विभिन्न आर्किटेक्चर संस्थानों के आर्कियोलॉजिस्ट, म्यूजियोलॉजिस्ट, प्रोफेसर और आर्किटेक्ट ने संरक्षण के विविध पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। विशेषज्ञों ने विशेष रूप से संरक्षण परंपरा और तकनीकें, सामग्री एवं विधि, विरासत प्रबंधन की चुनौतियां, नीति दस्तावेजीकरण, संरक्षण में नवाचार और डिजिटल हस्तक्षेप जैसे विषयों पर मार्गदर्शन दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत में राज्य सरकार के पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक पंकज शर्मा ने सेमिनार के उद्देश्य पर प्रकाश डाला और गुजरात सरकार द्वारा पुरातत्व एवं संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

सेमिनार में सहायक निदेशक सिद्ध शाह, डॉ. निजामुद्दीन ताहिर, डॉ. अंबिका पटेल, अनुपम शाह, डॉ. प्रवीण सिंह, डॉ. गौतम भट्टाचार्य, डॉ. शोभा मजमुदार, मुकेश शर्मा और ऋद्धि शाह सहित कई विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके अलावा, प्रख्यात आर्किटेक्ट सुरेश सांघवी, कैप्टन (रि.) जयदेव जोशी, जयाबहन फाउंडेशन के परेश पंड्या तथा राज्यभर के आर्किटेक्चर और आर्कियोलॉजी संस्थानों के विद्यार्थी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

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