श्मशान में मुस्लिम स्वंयसेवकों को देख भड़के नेताजी को महापौर ने सुनाई खरी-खरी

श्मशान में मुस्लिम स्वंयसेवकों को देख भड़के नेताजी को महापौर ने सुनाई खरी-खरी

मेयर ने कहा - हिंदू मुस्लिम का मुद्दा नहीं है ठीक, महामारी के इस समय में एकता की सबसे खास जरूरत

देश में कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू हो रही है। हर दिन कोरोना के कारण कितने ही लोगों की मृत्यु हो रही है। आलम यह है की लोगों को अपने स्वजनों के दाह संस्कार के लिए भी वेटिंग में खड़ा रहना पड़ रहा है। ऐसे में वडोदरा से काफी शरमजनक खबर सामने आई है। वडोदरा के एक बीजेपी नेता द्वारा शहर के खसवाडी इलाके में श्मशान घाट में मुस्लिम स्वयंसेवक की मौजूदगी देखकर वह भड़क उठे थे। जिसके चलते महापौर और पार्टी के अन्य सदस्यों ने उनके इस व्यवहार को काफी शर्मजनक बताया था। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, 16 अप्रैल को पार्टी के एक नेता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बीजेपी के कुछ नेता खसवाडी श्मशान घाट पहुंचे थे। यहाँ श्मशान घाट पर एक मुस्लिम युवक भी अपनी सेवा दे रहा था। जो शव के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी तैयार कर रहा था। यह देखकर वह नेता काफी भड़क गए और युवक द्वारा चीता तैयार करने के बारे में अपनी आपत्ति दर्शाई थी। नाराज नेता ने इस बारे में वडोदरा महानगर पालिका में शिकायत भी की, पर वहाँ उनकी शिकायत को महानगर पालिका ने स्वीकार करने से मना कर दिया था। 
इस बारे में कहते हुये वडोदरा के मेयर केयूर रोकड़िया ने कहा की इस महामारी के समय में सभी लोगों को साथ में काम करना चाहिए। महामारी के इस समय में जब कई बार अपने ही अपने घर के सदस्य की लाश को ऐसे ही बाहर छोडकर चले जाते है, ऐसे में यह स्वयंसेवक अपनी जान की परवाह ना करते हुये लोगों के अंतिम संस्कार में मदद करने के लिए आगे आ रहे है। ऐसे में हमें हिन्दू-मुस्लिम की बात ना करते हुये एकता की नजर से देखने की जरूरत है। 
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