राजकोट : निजी कंपनी के कैंपस इंटरव्यू में फ़ेल हुई महिला बनी DySP

राजकोट : निजी कंपनी के कैंपस इंटरव्यू में फ़ेल हुई महिला बनी DySP

पिता का नाम रोशन करने के लिए की सालों तक लगातार की मेहनत, गर्भावस्था के दौरान पूरी की 22 किलोमीटर की रेस

कहते हैं कि यदि आपका मनोबल मजबूत हो तो आप कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हो। कुछ ऐसा ही कर दिखाया था सुरेन्द्रनगर में पैदा हुई ऋतु राबा ने। 12 वीं कक्षा में सायन्स में पास होने के बाद कैंपस इंटरव्यू में फ़ेल होने के बाद ऋतु ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कैंपस इंटरव्यू में सिलेक्शन ना होना ऋतु के जीवन का टर्निंग पॉइंट बन गया था। सिलेक्शन ना होने के बाद ऋतु ने ठान लिया कि अब वह कुछ ऐसा करेगी जिसके कारण उसके परिवार का सर गर्व से उठ जाये। जिसके लिए ऋतु ने काफी मेहनत की और आज वह राजकोट डीवाईएसपी बन चुकी है। 
अपने पिता का नाम साकार करने के लिए ऋतु ने घर पर ही 3 साल तक कठिन परिश्रम किया। जिसके बाद ऋतु ने स्पीपा की परीक्षा पास की। परीक्षा पास करते ही उसे पहली नौकरी चीफ ऑफिसर की मिली। हालांकि मंजिल पहुँचने के लिए अभी भी संघर्ष शुरू ही था। हालांकि चीफ ऑफिसर बनने के कारण उन्हें पढ़ाई के लिए काफी कम समय मिल रहा था। जिसके चलते उनहोंने डीवाईएसओ के तौर पर काम शुरू किया। नौकरी के साथ ही रात को उन्होंने पढ़ाई शुरू ही रखी, जिसके चलते आखिर उन्होंने डीवाईएसपी की पोस्ट हासिल की। 
ट्रेनिंग के दौरान जब ऋतु ने पहली बार वर्दी पहनी तो उसकी आंखो से खुशी के आँसू निकल आए थे। ऋतु ने कहा जब उन्होंने पहली बार वर्दी पहनी वह पल उनके लिए काफी खास था। उनके लिए वर्दी ही सबकुछ है। ऋतु राबा गर्भावस्था के दौरान वह ट्रेनिंग में जुड़ी थी। जिस दौरान उन्होंने 22 किलोमीटर की रेस भी पूर्ण की थी। ऋतुबा कहती है की चाहे पहाड़ जितनी विकत परिस्थिति ही क्यों ना हो, पर यदि खुद पर विश्वास होगा तो कोई ना कोई रास्ता ऐसा जरूर मिलेगा जो की आपको सफलता के रास्ते तक जरूर पहुंचा देगी। निजी कंपनी में नौकरी ना मिलने के बाद उन्होंने काफी मेहनत की और अंत में एक के बाद एक चार सरकारी नौकरी हासिल की थी। 
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