मात्र उज्जैन ही नहीं, गुजरात के इस मंदिर में भी चढ़ाई जाती है शराब की प्रसादी

मात्र उज्जैन ही नहीं, गुजरात के इस मंदिर में भी चढ़ाई जाती है शराब की प्रसादी

गुजरात में शराबबंदी होने के बावजूद मंदिर में प्रसाद के तौर पर चढ़ाया जाती है देशी शराब

उज्जैन के कालभैरव को चढ़ाये जाने वाले शराब के प्रसाद के बारे में आप सभी को मालूम ही होगा। हालांकि यह एक मात्र मदनीर नहीं है जहां शराब की प्रसादी चढ़ाई जाती हो। गुजरात के नर्मदा जिले में आए डेडियापाड़ा के एक आदिवासी गाँव देव मोगरा में भी सदियों से 'चोकीदार' की पुजा की जाती है। जिन्हें प्रसाद के तौर पर शराब चढ़ाई जाती है। गाँव वाले यहाँ देवदार वनीया 'चोकीदार' की पुजा करते है। वह कहते है की सालों से 'चोकीदार' इस गांव की सुरक्षा कर रहे है। 
स्थानीय लोगों के अनुसार एक बार पंडोरी माता नाराज होकर घर छोडकर चले गए थे। जिसके बाद राजा पांडदेव ने उन्हें ढूँढना शुरू किया। पंडोरी माता ने देव मोगरा गाँव में अपना घोडा रोका और तभी से यह स्थान लोगों के लिए पूजनीय हो गया। इस मंदिर से थोड़े ही दूर देवदारवनीया 'चोकीदार' का मंदिर बनाया गया। 
लोगों को कहना है कि देवदारवनीया चोकीदार माता और उनकी रक्षा करते है। जो भकत पंडोरी माता की पुजा करने आता है उसे सबसे पहले चोकीदार के मंदिर आना  पड़ता है। पूरे साल महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश से भी कई लोग यहाँ दर्शन करने आते है। दिवाली और नवरात्रि के दौरान यहाँ मेला भी लगता है। 
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