सूरत सिविल अस्पताल में लापरहवाही बरतने और कामचोरी करने वाले डॉक्टरों पर विधायक की लाल आंख

सूरत सिविल अस्पताल में लापरहवाही बरतने और कामचोरी करने वाले डॉक्टरों पर विधायक की लाल आंख

एडमिन के नाम पर फर्ज से छुटकारा पाने की कोशिश करने वाले डॉक्टरों को दी कड़ी कार्यवाही की चेतावनी

सूरत में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सूरत में हर दिन 600 से अधिक संक्रमित मामले सामने आ रहे हैं। सूरत नगर निगम के आयुक्त भी लोगों से सावधान रहने और अतिआवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलने और सामाजिक दूरी का पालन करने के और मास्क पहनने की अपील कर रहे हैं। दूसरी ओर सूरत के नए सिविल अस्पताल में बने कोविड अस्पताल के अधिकांश कर्मचारी ओवरटाइम काम करके अपनी ड्यूटी कर रहे हैं और उन्हें ओवरटाइम के लिए पैसे भी नहीं मिल रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ, जब कुछ डॉक्टर प्रशासन के नाम पर अपनी ड्यूटी से भटक रहे हैं। ऐसे में भाजपा के सूरत विधायक हर्ष संघवी ने बड़ा बयान दिया है कि ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हर्ष संघवी ने कहा "मैं इन डॉक्टरों को नहीं छोड़ूगा जो अपनी ड्यूटी से भाग रहे हैं!" साथ ही उन्होंने ड्यूटी से भागने वाले डॉक्टरों को समाज का दुश्मन भी कहा।
आपको बता दें कि भाजपा विधायक हर्ष संघवी ने कहा कि सिविल अस्पताल में 99% कर्मचारी ऐसे हैं जो ओवरटाइम काम कर रहे हैं। वे मानवता के धर्म निभाते हुए ओवरटाइम काम करने के लिए एक भी रुपया नहीं लेते हैं। मैं ऐसे कई डॉक्टरों को जानता हूं। चाहे वह डॉ अश्विन वसावा हों या नर्सिंग स्टाफ की बहनें। वे दिन-रात काम करते हैं। यहां तक कि ऐसे डॉक्टर मेरे ध्यान में आए हैं उसने कई दिनों तक अपने बेटे या बेटियों के चेहरे नहीं देखे थे। 
आगे उन्होंने कहा  “ऐसे में व्यवस्थापक के नाम पर कोविड अस्पताल से भाग कर अपने पुराने अस्पताल के केबिन में बैठते है। जहाँ चाहे जाकर बैठ जाओ। मेरी नज़र सभी पर है और जो भी ऐसे डॉक्टर है वो सतर्क हो जाए। मैं उन लोगों को नहीं छोड़ूगा। यह लोग समाज के दुश्मन हैं। जब 90% लोग दिन-रात काम करते हैं और कुछ लोग अपनी शक्ति का उपयोग करना चाहते हैं, तो वे कहीं न कहीं इस तरह के काम से दूर रहना चाहते हैं और केवल एडमिन के नाम पर उन्हें मिलने वाली राहत महंगी पड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि चुनाव के समय जमकर चुनावी रैली करने वाले सभी नेताओं में से केवल भाजपा विधायक हर्ष संघवी ने स्वीकार किया था कि उन्होंने चुनाव में रैली करके गलती की थी।