परिवार के पांच सदस्यों को कोरोना से गंवाया, फिर भी ड्युटी पर डटा है ये कोरोना वॉरियर

परिवार के पांच सदस्यों को कोरोना से गंवाया, फिर भी ड्युटी पर डटा है ये कोरोना वॉरियर

कोरोना काल में कई ऐसे चेहरे हैं जिन्होंने वाकई में बहादुरी का परिचय दिया है, अपनी जिम्मेदारी का शत-प्रतिशत निर्वहन किया है। ऐसे कोरोना वॉरियर्स को वाकई सलाम है। गुजरात के गोधरा में एम्ब्यूलंस ड्राईवर प्रवीण बारिया भी एक ऐसे ही शख्स हैं। प्रवीण बारिया ने कोरोना महामारी के चलते अपने पांच परिजनों को खोया लेकिन जहां तक अपनी ड्युटी का संबंध है, वे लगातार ड्युटी पर आते रहे।
प्रवीण बारिया मूलतः मोरवा हडफ तहसील के खानपुर गांव के रहने वाले हैं। पिछले दो सालों से जब से कोरोना का कहर शुरु हुआ है, वे बिना छुट्टी लिये अपनी सेवाएं दे रहे हैं और मरीजों को बिना समय गंवाये अस्पताल पहुंचा रहे हैं। कुछ दिनों पूर्व उनके माता-पिता कोरोना संक्रमित हो गये। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान भी वे समय निकाल कर ड्युटी पर पहुंच जाते। 
प्रतिकात्मक तस्वीर
21 अप्रेल को प्रवीण भाई के पिता का कोरोना के कारण देहांत हो गया और उसके चार दिन बाद 25 अप्रेल को उनकी मां भी चल बसी। प्रवीण भाई इस शोक से बाहर आते तब तक उनके चाचा-चाची और चचेरा भाई भी कोरोना की भेंट चढ़ गये। परिवार में पांच सदस्यों को एक के बाद एक मौत की नींद सोते देख उनके दिल पर क्या गुजरी होगी इसका अनुमान लगाना भी दुभर है। 
लेकिन प्रवीण भाई की कर्मव्य निष्ठा को सलाम है कि वे परिवजनों के अंतिम संस्कार और विधि पूर्ण करके फिर ड्युटी पर लौट आये। उनका यही मानना है कि वर्तमान संकट के समय में यह उनका फर्ज है कि अपने काम को शत-प्रतिशत पूरा करें और मरीजों के काम आ सकें।