दुष्कर्मी को 20 साल की सजा सुनाते अदालत की टिप्पणी; बलात्कार आत्मा की हत्या करने जैसा घिनौना अपराध

दुष्कर्मी को 20 साल की सजा सुनाते अदालत की टिप्पणी; बलात्कार आत्मा की हत्या करने जैसा घिनौना अपराध

13 साल की किशोरी को भगा ले जाने वाले को 20 साल की कैद, प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ़्रोम सेक्स्युयल ओफ़ेन्स की विभिन्न धाराओं के तहत भी सुनाई सजा

शहर के किनारे कोसाड आवास में रहने वाली 13 साल की किशोरी का अपहरण करके बलात्कार करने के मामले में कोर्ट ने आरोपी को 20 साल की सख्त कैद और कई धाराओं के अंतर्गत 12 हजार रुपए का दंड किया है। इसके अलावा किशोरी को राहत के तौर पर 7 लाख रूपए चुकाने के लिए निर्देश दिया है। कोसाड में गत 4 जून 2020 को शाम के समय दुकान में नमकीन लेने गई किशोरी को वहां रहने वाले संजय अमरीश सोलंकी नाम का शख्स शादी का लालच देकर भगा ले गया था।
अपहरण करने के बाद संजय किशोरी को भावनगर में अपने गांव ले गया था और वहां उसके साथ बलात्कार किया। जांच पड़ताल के दौरान किशोरी से पूछताछ करने के पश्चात पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने आरोपी को 376 की धारा के तहत बलात्कार के अपराध में 20 साल की सख्त कैद की सजा दी है। धारा 363 के अंतर्गत सात साल तथा धारा 366 के अंतर्गत 10 साल की सजा सुनाई। इस तरह आरोपी को 20 साल की सजा हुई। इसके अलावा आरोपी को प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस की अलग-अलग धाराओं के तहत भी आरोपी पाया गया। 
इसके अलावा विक्टिम पीड़ित किशोरी को 7 लाख का मुआवजा देने तथा इस रकम में से 75% रकम किशोरी के नाम पर 3 साल तक राष्ट्रीयकृत बैंक में फिक्स डिपॉजिट के तौर पर रखने का निर्देश दिया। इसके अलावा इससे मिलने वाला व्याज भी युवती को ही देने का निर्देश दिया था। बलात्कार का भोग बनने वाली किशोरी के पिता टेंपो चालक हैं, उसके दो भाई कपड़े की दुकान में तथा माता घर काम करके गुजरान चलाते हैं। परिवार ने घटना के बाद किशोरी को ढूंढा था, लेकिन वह नहीं मिली थी। जिससे कि उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई थी सरकार की ओर से एपीपी किशोर रेवलिया ने दलीलें की थी।

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