सूरत : 1 साल के बच्चे के गाल पर कछुए ने काट लिया
यह घटना तब हुई जब बच्चा घर पर कछुए के साथ खेल रहा था
कछुए का काटना जहरीला नहीं होता, डॉक्टर ने बच्चे को 24 घंटे तक निगरानी में रखने को कहा
सूरत में कुत्तों के काटने के मामले तो अक्सर आते रहते हैं लेकिन आज एक अजीब मामला सामने आया है। सूरत के भेस्तान इलाके में एक साल का बच्चा कछुए से खेल रहा था और अचानक कछुए ने बच्चे के गाल पर काट लिया। इस घटना से माता-पिता घबरा गए और तुरंत बच्चे के इलाज के लिए नई सिविल लेकर आए। यहां बच्चे की जांच कर रहे डॉक्टरों ने उसे 24 घंटे तक निगरानी में रखने को कहा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले और वर्तमान में भेस्तान में संगम सोसाइटी में रहने वाले राजूभाई गोगे अपनी पत्नी और खंडू नाम के एक साल के बच्चे के साथ रहते हैं। राजूभाई सचिन जीआईडीसी में एक केमिकल कंपनी में मजदूर के रूप में काम करते हैं। बुधवार रात करीब साढ़े आठ बजे अपने बेटे को टहलाने के लिए ले गए। इसी बीच उन्हें घर के पास कुछ हिलता हुआ नजर आया। करीब जाकर देखा तो कछुआ धीरे-धीरे सरक रहा था।कछुए को देखकर राजूभाई और खंडू ने इसे घर ले जाने का फैसला किया।
वे कछुओं को घर में पालतू जानवर के रूप में रखते थे। कल राजूभाई ने अपने बेटे खंडू को कछुआ दिया तो वह उससे खेल रहा था। इसी बीच खंडू के दाहिने गाल पर कछुए ने काट लिया। जैसे ही राजूभाई और उनकी पत्नी को इसके बारे में पता चला, वे बच्चे को इलाज के लिए नवी सिविल पहुंचे। इस घटना से दोनों कुछ देर के लिए स्तब्ध रह गए।
नवी सिविल अस्पताल में बाल चिकित्सा विभाग की डॉक्टर खुशबू चौधरी ने कहा कि कछुओं में कुत्तों और बिल्लियों की तरह रेबीज का जहर नहीं होता है। कछुओं का स्वभाव भी सामान्य होता है इसलिए इससे किसी को परेशानी नहीं होती। लेकिन जब खंडू को इलाज के लिए लाया गया तो उसे 24 घंटे तक निगरानी में रखने को कहा गया।
आगे कहा कि कछुए के काटने से कुछ नहीं होता। जब बच्चा आया तब भी इसका कोई असर नहीं हुआ। काटने से रक्तस्राव या सूजन नहीं होती है। कछुए गैर-जहरीले होते हैं, इसलिए किसी मारक दवा या भारी टीकाकरण की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन बच्चेके पिता से कहा गया है कि अगर बच्चे में कोई लक्षण दिखे तो तुरंत इलाज के लिए लाएं। इसके अलावा, कछुए के काटने से कोई विषैला प्रभाव नहीं होता है।