सूरत : आयकर धारा-43 बी (एच) के कार्यान्वयन को एक वर्ष के लिए स्थागित करने की मांग

चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के माध्यम से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष प्रस्ताव रखा जायेगा

सूरत : आयकर धारा-43 बी (एच) के कार्यान्वयन को एक वर्ष के लिए स्थागित करने की मांग

चैंबर सहित दक्षिण गुजरात के प्रमुख कपड़ा संघों का प्रतिनिधित्व

दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा  सोमवार, 29 जनवरी, 2024 को शाम 6.00 बजे सांहती, सरसाना, सूरत में महत्वपुर्ण बैठक हुई। जिसमें दक्षिण गुजरात के एमएसएमई उद्योग के प्रमुख कपड़ा संघों ने विधेयक-2023 में आयकर धारा -43 बी  (एच) से जुड़े मुद्दों को जानने और उनका समाधान करने के लिए बैठक हुई।
 
चैंबर ऑफ कॉमर्स के मंच पर विभिन्न कपड़ा संगठनों ने बैठक कर आयकर कानून पर चर्चा की। भारत सरकार का लक्ष्य लघु उद्योगों को मजबूत करना है। एमएसएमईडी अधिनियम 2006 माल की स्वीकृति की तारीख से 45 दिनों के भीतर आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान का प्रावधान करता है। हालाँकि, चूंकि आपूर्तिकर्ता को कभी-कभी निर्धारित समय सीमा के भीतर भुगतान प्राप्त नहीं होता है, इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 43बी में एक नया खंड (एच) जोड़ा गया है और वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू हो गया है। इस ज्वलंत प्रश्नों एवं उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर चर्चा की।

फोगवा, फोस्टा, साउथ गुजरात वार्प निटर्स एसोसिएशन, साउथ गुजरात टेक्सचराइजर्स एसोसिएशन, साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन और सी.ए. एसोसिएशन के नेता बैठक में मौजूद थे। उन्होंने चैंबर अध्यक्ष के समक्ष अपने विचार एवं सुझाव प्रस्तुत किय। सभी चर्चाओं और सुझावों को ध्यान में रखते हुए, दक्षिण गुजरात के अग्रणी टेक्सटाइल एसोसिएशन द्वारा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के माध्यम से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को धारा -43 बी (एच) के कार्यान्वयन को एक वर्ष के लिए निलंबित करने के लिए एक लिखित प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया। 

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