गुजरात: भारत के सिरामिक उत्पादों के बाजार हिस्से में अकेले मोरबी का 90 फीसदी हिस्सा

वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत मोरबी जिले से सिरामिक टाइल्स तथा सैनिटरी वेयर का चयन

गुजरात: भारत के सिरामिक उत्पादों के बाजार हिस्से में अकेले मोरबी का 90 फीसदी हिस्सा

मोरबी का सिरामिक उद्योग लगभग 4 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार प्रदान करता है

गांधीनगर, 7 अक्टूबर (हि.स.)। गुजरात वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 10वें संस्करण के लिए तैयार हो रहा है। अगले साल 10 से 12 जनवरी को आयोजित वाइब्रेंट समिट के अंतर्गत राज्य में इस माह 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक 'वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट डिस्ट्रिक्ट' कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राज्य के सभी 33 जिलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के दौरान आयोजित होने वाली 2-3 दिवसीय प्रदर्शनी में वन डिस्ट्रक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के अंतर्गत प्रत्येक जिले से चयनित प्रोडक्ट को प्राथमिकता दी जाएगी।

9 अक्टूबर को मोरबी में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा की उपस्थिति में 'वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट मोरबी' कार्यक्रम आयोजित होगा। मोरबी जिले से ओडीओपी के तहत सिरामिक टाइल्स तथा सैनिटरी वेयर का चयन किया गया है। सिरामिक उद्योग क्षेत्र में गुजरात का मोरबी जिला सिरमौर है। आज गुजरात का मोरबी जिला भारत का सिरामिक हब बना है। सिरामिक टाइल्स, सैनिटरी वेयर, औद्योगिक व तकनीकी सिरामिक्स की 1000 से अधिक उत्पाद इकाइयों के साथ गुजरात का अकेला मोरबी जिला ही भारत में सिरामिक उत्पादों के बाजार हिस्से में लगभग 90% हिस्सा रखता है।

मोरबी का सिरामिक उद्योग लगभग 4 लाख लोगों को देता है रोजगार

मोरबी जिले का सिरामिक क्लस्टर विश्व का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा सिरामिक प्रोडक्ट्स उत्पादन करने वाला क्लस्टर है। जिले में लगभग 1000 सिरामिक इकाइयाँ हैं, जिनका कुल वार्षिक टर्नओवर लगभग 60,000 करोड़ रुपए है। ये इकाइयाँ लगभग 4 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से रोजगार प्रदान करती हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में गुजरात से सिरामिक सेक्टर में 20,000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य का निर्यात हुआ है, जो भारत के कुल सिरामिक निर्यात का 80% है और इसमें मोरबी जिले के सिरामिक क्लस्टर से 15,000 करोड़ रुपए से भी अधिक मूल्य का निर्यात किया गया है।

पॉलीपैक उद्योग क्षेत्र में भी मोरबी बन सकता है राज्य का अग्रणी जिला

सिरामिक क्षेत्र की भांति पॉलीपैक उद्योग क्षेत्र में भी गुजरात का मोरबी निकट भविष्य में अग्रणी जिले के रूप में स्थान प्राप्त कर सकता है। हाल में मोरबी में पीपी वुवन प्रोडक्ट की कुल 150 इकाइयाँ कार्यरत हैं। मोरबी का पॉलीपैक उद्योग हाल में वार्षिक लगभग 5 लाख मैट्रिक टन (एमटी) पी पी वुवन फैब्रिक का उत्पादन करता है, जिसका कुल वार्षिक टर्नओवर अनुमानित 5500 करोड़ रुपए है। पॉलीपैक उद्योग हाल में मोरबी के अनुमानित 15,000 से 20,000 लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार प्रदान करता है।

मोरबी के वॉल क्लॉक उद्योग का भारत के वॉल क्लॉक उत्पादन में 75% हिस्सा

सिरामिक तथा पॉलीपैक की तरह ही वॉल क्लॉक एवं गिफ़्ट आर्टिकल उद्योग भी मोरबी में बहुत ही बड़े पैमाने पर विकसित हुआ है। मोरबी ज़िले के वॉल क्लॉक तथा गिफ्ट आर्टिकल उद्योग का भारत के वॉल क्लॉक उत्पादन में 75% हिस्सा है। मोरबी में वॉल क्लॉक की लगभग 80 से 90 इकाइयाँ हैं। यह उद्योग लगभग 18,000 लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार प्रदान करता है, जिनमें 16,000 महिलाएँ हैं।

मोरबी का वॉल क्लॉक उद्योग हाल में दैनिक लगभग 1.5 लाख वॉल क्लॉक पीस/गिफ्ट आर्टिकल्स का उत्पादन करता है और इस उद्योग का वार्षिक टर्नओवर लगभग 600-700 करोड़ रुपए है। इसमें 50-60 करोड़ रुपए के वॉल क्लॉक/गिफ्ट आर्टिकल्स का निर्यात किया जाता है।

मोरबी के अन्य उद्योग

मोरबी में पेपर मिल उद्योग की 60 से अधिक इकाइयाँ कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 3000 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश आया है। इसके द्वारा लगभग 10,000 लोगों को रोजगार प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त, मोरबी में 30 से अधिक इकाइयों में कार्यरत नमक कामगार नमक उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मोरबी मिट्टी कार्य के कारीगरों के लिए भी विख्यात है।

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