गुजरात : सरकार का मछुआरों के हित में बड़ा फैसला, नावों में डीजल की सीमा बढ़ाई
1 से 44 हॉर्सपावर तक 300 लीटर तथा 75 से 100 और 101 हॉर्स पावर से अधिक की मशीनीकृत नौकाओं में डीजल की सीमा 4200 लीटर तक बढ़ाई गई
राज्य सरकार ने मछुआरों की मशीनीकृत नौकाओं में इस्तेमाल होने वाले हाई स्पीड डीजल पर वैट से राहत देने की योजना में प्रति ट्रिप प्रति हार्स पावर उपलब्ध डीजल की मात्रा की सीमा बढ़ा दी है। कृषि, किसान कल्याण एवं सहकारिता विभाग के अंतर्गत मत्स्य पालन विभाग द्वारा 20 मीटर से कम लंबाई वाली मशीनीकृत नौकाओं में उपयोग होने वाले हाई स्पीड डीजल 100 प्रतिशत वैट राहत योजना प्रभावी है। इस योजना के तहत मछुआरों को ट्रिपवार डीजल की प्रति हार्स पावर की मात्रा पर वैट में छूट दी जाती है। मत्स्य पालन मंत्री द्वारा प्रति ट्रिप प्रति हार्स पावर पात्र डीजल की मात्रा की सीमा में वृद्धि को मंजूरी दे दी गई है।
250 लीटर ट्रिप वाइज अधिकतम डीजल उपलब्ध कराया गया
मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि राज्य के मछुआरों को पहले 1 से 44 हॉर्स पावर की मशीनीकृत नावों में ट्रिपवाइज अधिकतम 250 लीटर डीजल उपलब्ध कराया जाता था, जिसकी सीमा बढ़ाकर 300 लीटर कर दी गई है। इसी प्रकार, 45 से 75 हॉर्स पावर वाली नावों के लिए 500 लीटर डीजल क्षमता में 100 लीटर की वृद्धि की गई है, जिससे ट्रिपवाइज डीजल क्षमता सीमा 600 लीटर हो जाएगी। इसी तरह 75 से 100 हॉर्स पावर और 101 हॉर्स पावर से अधिक की नावों के प्रति ट्रीप डीजल में 200 लीटर की बढ़ोतरी की गई है, अब 4 हजार लीटर की जगह नया ट्रिप वार 4200 लीटर होगा।
मछुआरों को मछली पकड़ने के खर्च में राहत
मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि आजकल मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में बहुत गहराई तक जाना पड़ता है, जिससे उनकी ट्रीप के दिन भी बढ़ गए हैं। राज्य सरकार द्वारा यह सकारात्मक निर्णय राज्य के विभिन्न मत्स्य संघों द्वारा मात्रा में वृद्धि के संबंध में प्राप्त पेशकश पर विचार करने के बाद लिया गया है, जिससे निश्चित रूप से राज्य और मत्स्य पालन के उत्पादन में वृद्धि होगी। साथ ही मछली पकड़ने में होने वाले खर्च से राहत मिलने से मछुआरों का आर्थिक बोझ भी कम होगा।