राजकोट : मनपा में विपक्ष की सीट जाने के बाद कांग्रेस ने कहा - वह बाग में बैठकर जनता के सवाल सुनेंगे!

कांग्रेस नेता से पद, कार, कार्यालय सहित सरकारी सुविधाएं वापस ले ली गईं

राजकोट : मनपा में विपक्ष की सीट जाने के बाद कांग्रेस ने कहा - वह बाग में बैठकर जनता के सवाल सुनेंगे!

इससे पहले जूनागढ़ नगर निगम का विपक्षी पद छीन लिया गया था

राजकोट निगम के 50 साल के इतिहास में पहली बार विपक्ष से उसकी सीट छीनी गई है। कांग्रेस ने आखिरी बार 2005 में निगम पर शासन किया था। आज, राजकोट नगर निगम में कांग्रेस के पास विपक्षी पद नहीं है। कांग्रेस ने विपक्ष का पद छीने पर कहा कि वह बाग में बैठकर जनता के सवाल सुनेंगे।

 सुविधा कांग्रेस से सुविधा वापस ले ली गई 

 सत्ताधीशों ने बुधवार को कांग्रेसी नेता से पद, गाड़ी, कार्यालय सहित राजकीय सुविधाएं वापस लेने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद भानुबेन सोरानी ने  यह सारी सुविधाएं चाबियों के साथ विभाग को सौंप दी और दोपहर में कार व कार्यालय सहित सभी सुविधाएं जमा करा दी। इससे पहले जूनागढ़ नगर निगम के इतिहास में विपक्ष की स्थिति छीन ली गई थी।

कांग्रेस ने कड़ा प्रहार किया

राजकोट निगम में 68 भाजपा नगरसेवक, दो कांग्रेस और दो आप नगरसेवक हैं। इस मामले में कांग्रेस नेता अशोक डांगर ने शासक पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हम बाग में बैठकर भी लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे। इसके अलावा कांग्रेस नेता महेश राजपूत ने कहा कि यह लोकतंत्र की आवाज को दबाने का मामला है। इससे पहले वार्ड 15 के कांग्रेस पार्षद वशरामभाई सागठिया और कोमलबेन भाराई आप में शामिल हुए थे। इस तरह कांग्रेस के पास राजकोट महानगर पालिका में भानुबेन सोरानी के अलावा मकबुलभाई दाउदानी केवल दो नगरसेवक थे।

इससे पहले जूनागढ़ में भी विपक्ष से उसका पद छीन लिया गया था

विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के दो नगरसेवक आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे। मार्च-अप्रैल 2021 में हुए निगम चुनाव में बीजेपी के 68 और कांग्रेस के 4 पार्षद चुने गए थे। हालांकि, कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का पद दिया गया था। कुछ दिन पहले जूनागढ़ नगर निगम में भी इसी तरह कांग्रेस से नेता प्रतिपक्ष का पद छीन लिया गया था। जूनागढ़ नगर निगम के कुल 60 पार्षद होने के कारण यह फैसला लिया गया, कांग्रेस के सिर्फ 3 पार्षद हैं। जूनागढ़ में कांग्रेस ने इस मामले का पुरजोर विरोध किया था।

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