सूरत : राहुल गांधी मानहानि मामले में दोनों पक्षों की दलीलें कोर्ट में पेश, फैसला 20 अप्रैल को

मानहानि के मामलों में विभिन्न निर्णयों के आधार पर बचाव पक्ष ने तर्क दिया

राहुल गांधी की कानूनी टीम ने गुरुवार को कोर्ट में दायर नए दस्तावेज पेश किए और जवाब देने के लिए समय मांगा

 मोढ वणिक समाज की मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दो साल कैद की सजा सुनाई गयी है। अपीलीय अदालत के निर्देशानुसार अभियोजक पूर्णेश मोदी ने 11 अप्रैल को राहुल गांधी की मांग को लेकर लिखित आपत्ति दर्ज करायी है। वहीं सरकार पक्ष ने शिकायतकर्ता की नकल तथा आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य नहीं मिलने के कारण उन्होंने आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा। जिससे गुरुवार को सजा आदेश को निलंबित करने की मांग को लेकर दोनों पक्षों की दलीलें अदालत में पेश की गईं। अब मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी और कोर्ट फैसला सुनाएगा।

राहुल गांधी की कानूनी टीम ने कोर्ट में दायर नए दस्तावेज पेश किए और जवाब देने के लिए समय मांगा

बचाव पक्ष द्वारा मानहानि के मामलों में विभिन्न निर्णयों के आधार पर दलील किया गया था। अदालत ने अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें सुनीं। राहुल गांधी की कानूनी टीम ने कोर्ट में दायर नए दस्तावेज पेश किए और जवाब देने के लिए समय मांगा। लेकिन अभियोजन पक्ष के वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा कि फिर कोर्ट का समय इस तरह क्यों बर्बाद किया जाए। राहुल गांधी के वकील चीमा ने अभियोजन पक्ष के वकील के सवाल का विरोध किया और कहा कि मेरे मुवक्किल गांधी ने अपने बयान में कहा कि वह अपने देशवासियों से प्यार करते हैं और उनके बीच भेदभाव नहीं करते हैं।

अगर सजा एक दिन भी कम कर दी जाती तो राहुल संसद के पद से अयोग्य नहीं होते

राहुल गांधी के वकील ने आगे कहा, 'मैं इससे भी ज्यादा हैरान हूं कि तोलिया मेरे मुवक्किल की माफी मांग रहे हैं।' उन्हें क्यों माफी मांगनी चाहिए? क्या उनके पास कोई कानूनी दलील नहीं है? वे मेरे मुवक्किल से माफ़ करने के लिए कैसे कह सकते हैं? क्या यह अपील के लिए पूर्व शर्त है? टोलिया ने जो केसों की सूची बताया है वह सभी तत्काल केस की तरह राजनीति से प्रेरित हैं। इसे तमाम राजनीतिक विरोधियों से जुड़े लोगों ने दर्ज कराया है। राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट में दलील दी और कहा कि अगर सजा एक दिन भी कम कर दी जाती तो राहुल संसद के पद से अयोग्य नहीं होते। वहीं अभियोजन पक्ष के वकील हर्षित टोलिया ने कहा है कि राहुल गांधी का व्यवहार सहानुभूति का पात्र नहीं है, उनकी सजा निलंबित नहीं की जानी चाहिए।

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