सूरत : शारजाह फ्री ज़ोन के ज़रिए दुनिया भर में सामान भेजें
फिक्की गुजरात रीजन ने चैंबर ऑफ कॉमर्स और शारजाह सरकार के साथ मिलकर बी2बी मीटिंग्स की दो दिन की स्पेशल सीरीज़ आयोजित की
सूरत। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) गुजरात रीजन ने सूरत में ‘यूएई के ज़रिए इंटरनेशनल मार्केट में बिज़नेस बढ़ाना’ थीम पर दो दिवसीय बी2बी मीटिंग्स की विशेष श्रृंखला आयोजित की।
यह सेशन द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) और शारजाह एयरपोर्ट इंटरनेशनल फ्री ज़ोन (SAIF ज़ोन), शारजाह सरकार (यूएई) के सहयोग से 20 और 21 नवंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मैरियट होटल, सूरत में हुआ।
चैंबर ऑफ कॉमर्स के ऑनरेरी ट्रेज़रर, सीए मितिश मोदी इस मीटिंग में प्रमुख रूप से उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि शारजाह फ्री ज़ोन का अपना समुद्री क्षेत्र होने के कारण यहां से एक्सपोर्ट तेज़ी से और अधिक सुविधा के साथ किया जा सकता है। यह एक पूर्ण फ्री ज़ोन है जहां सीए और डॉक्टर जैसे प्रोफेशनल्स को छोड़कर लगभग सभी व्यवसायों का स्वागत होता है।
उन्होंने मीटिंग के दौरान डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA), ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस, तथा टैक्सेशन से जुड़े कई बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। उनका कहना था कि SAIF ज़ोन का उपयोग करने वाले बिज़नेस को टैक्स और ऑपरेशन्स—दोनों स्तर पर महत्वपूर्ण लाभ मिलता है।
लगातार दो दिनों तक चली इन बी2बी मीटिंग्स को साउथ गुजरात की इंडस्ट्रीज़ से शानदार प्रतिक्रिया मिली।इस पहल का मुख्य उद्देश्य भारतीय कंपनियों को यूएई को एक ग्लोबल गेटवे के रूप में उपयोग करने के लिए प्रेरित करना था, ताकि वे अफ्रीका, यूरोप और अन्य अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में अपनी पहुंच बढ़ा सकें।
SAIF ज़ोन, जो क्षेत्र के सबसे डायनामिक और इन्वेस्टर-फ्रेंडली फ्री ज़ोन्स में से एक है, एक्सपोर्ट्स के लिए एक बेहतरीन विकल्प प्रस्तुत करता है। सूरत में आयोजित इस खास बी2बी सीरीज़ ने उद्यमियों को SAIF ज़ोन प्रतिनिधियों के साथ सीधे बिज़नेस मॉडल, इन्वेस्टमेंट स्कोप, ऑपरेशनल सपोर्ट तथा सेटअप प्रोसेस पर आवश्यक मार्गदर्शन दिया।
इसके अलावा, प्रतिभागियों को इंडिया–यूएई कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) के फायदों को प्रभावी ढंग से उपयोग करने के तरीके बताए गए। यह समझौता लगभग 97% भारतीय वस्तुओं को ड्यूटी-फ्री एक्सेस उपलब्ध कराता है, जिससे भारत की वैश्विक बाज़ारों तक पहुंच और भी मजबूत होती है।
