वडोदरा : निगम कार्यालय के आसपास अवैध दबाव से वाहन चालक प्रभावित, फायर ब्रिगेड भी फंसी

कॉर्पोरेशन का प्रशासन अपने आसपास के दबावों को दूर करने में असमर्थ साबित हो रहा

वडोदरा : निगम कार्यालय के आसपास अवैध दबाव से वाहन चालक प्रभावित, फायर ब्रिगेड भी फंसी

अतिक्रमण न हो इसके लिए नगर निगम तंत्र को उपाय करना पड़ता है

वड़ोदरा निगम के मुख्य कार्यालय खांडेराव मार्केट के आसपास मुख्य सड़क पर फल व्यापारियों के जमघट के कारण यहां से गुजर रही दमकल की एक आपात गाड़ी एक बार फिर फंस गई। इस तरह के लगातार उल्लेख के बावजूद, कॉर्पोरेशन का प्रशासन अपने आसपास के दबावों को दूर करने में असमर्थ साबित हो रहा है।

निगम मुख्यालय के आसपास के अस्थायी अतिक्रमण को हटाया नहीं जा सकता है

पूरे शहर में मुख्य सड़क व अन्य जगहों पर अतिक्रमण न हो इसके लिए नगर निगम तंत्र को उपाय करना पड़ता है, लेकिन दुख की बात यह है कि निगम मुख्यालय के आसपास के अस्थायी अतिक्रमण को हटाया नहीं जा सकता है। कोई भी अधिकारी या पदाधिकारी आते हैं लेकिन उनकी कार्यशैली इन तमाम दबावों के सामने बेहद कमजोर और निराशाजनक साबित हो रही है। क्योंकि सड़क पर बैठे फल-फूल कारोबारियों के खिलाफ चाहे जितने उपाय किए जाएं, लेकिन कम समय में ही उनका अतिक्रमण फिर वैसा ही हो जाता है। 

राहगीरों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

निगम मुख्यालय के आसपास अतिक्रमण के कारण यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों व राहगीरों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर यहां से गुजरने वाले आपात वाहन इसी अतिक्रमण के कारण जाम में फंस जाते हैं। हालांकि इस तरह की कई घटनाएं पूर्व में भी हो चुकी हैं, लेकिन नगर निगम की प्रशासन और खासकर दबाव शाखा इसका स्थायी समाधान करने में कोई भूमिका नहीं निभा रही है! सोमवार को सुबह 101 आपातकालीन कॉल के आधार पर दांडिया बाजार फायर स्टेशन से गोयागेट के लिए एक आपातकालीन वाहन भेजा गया। तभी निगम के बगल में मुख्य सड़क के किनारे ट्रक व रिक्शा खड़े होने के कारण इमरजेंसी वाहन यहां जाम में फंस गया। फायर ब्रिगेड के आपातकालीन वाहन के चालक द्वारा बार-बार सायरन बजाने के बाद आखिरकार रिक्शा को यहां से हटाया गया। इसलिए अधूरा वाहन बमुश्किल 25 से 30 फीट आगे बढ़ा था और फिर से जाम में फंस गया। इस प्रकार निगम की दीवार के चारों ओर बन रहे दबाव के कारण दमकल की गाड़ी दो बार फंस गई।

 कई बार आपात स्थिति में एक मिनट का भी महत्व होता है

ऐसे समय में अग्निशमन वाहन के चालक का कोई एक्सीडेंट हो गया हो, भले ही कानून में यह उल्लेख हो कि उसे किसी विशेष प्रकार की राहत मिल सकती है, अधिकांश समय अग्निशमन वाहन के चालक अपनी वफादारी और जिम्मेदारी और जानबूझकर किसी अन्य वाहन के साथ दुर्घटना होने से बचाते हैं। गौरतलब है कि कई बार आपात स्थिति में एक मिनट का भी महत्व होता है, अगर इस तरह से जहां फायर ब्रिगेड चल रही है, उस ट्रैफिक में नागरिक वास्तव में अपनी समझ विकसित कर लें तो कई बार निर्दोष नागरिकों की जान बचाई जा सकती है।

हैंड्स-फ़्री कान वाले ड्राइवर्स आपातकालीन वाहनों के लिए परेशानी का सबब होते हैं

आपातकालीन कॉल के दौरान फायर ब्रिगेड के वाहनों को बहुत जल्दी घटनास्थल पर पहुंचना पड़ता है। फिर ऐसे समय में उन्हें समय-समय पर ट्रैफिक मिलता रहता है। खासतौर पर जब फायर ब्रिगेड का टैंक हजारों लीटर पानी से भरा रहता है तो अचानक ब्रेक लगने पर मुश्किल स्थिति पैदा हो जाती है। फायर ब्रिगेड के एक अधिकारी के मुताबिक कई बार ट्रैफिक जाम के साथ-साथ कानों में हैंड्स-फ़्री लगाकर वाहन चलाने वाले वाहन ज्यादा लापरवाह हो जाते हैं। क्योंकि हम भले ही दूर से सायरन बजाते हों, लेकिन जब तक ऐसी कोई गाड़ी ड्राइवर के करीब न आ जाए, तब तक उन्हें हमारा सायरन सुनाई नहीं 
देता। इसलिए वे जल्दी नहीं चलते और हमें बार-बार ब्रेक लगाना पड़ता है और सायरन बजाना पड़ता है। ऐसे ही कई कारणों से घटना स्थल पर पहुंचने में देर हो जाती है।

Tags: Vadodara