राजकोट : मां की मौत के बाद सदमे में आंध्र प्रदेश का युवक भटककर राजकोट पहुंच गया, जानें फिर क्या हुआ

राजकोट : मां की मौत के बाद सदमे में आंध्र प्रदेश का युवक भटककर राजकोट पहुंच गया, जानें फिर क्या हुआ

 हेड कांस्टेबल रेणुका चौधरी के प्रयास से परिवार के साथ हुआ मिलन

ज़रा सोचिए कि अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में फंस गए हों जहां आप किसी को नहीं जानते हों, यहां तक ​​कि भाषा भी नहीं जानते हों तो क्या होगा? ऐसा ही कुछ आंध्र प्रदेश के एक युवक के साथ हुआ। जब इस युवक की मां की मृत्यु हुई, तो वह पूरी तरह से टूट गया  और इतना सदमे में था कि उसे अपने आसपास किसी भी हलचल का भान भी नहीं रहा। मां के वियोग में रहता यह युवक भटकते-भटकते राजकोट पहुंच गया और पिछले एक महीने से राजकोट शहर के फुटपाथ पर रह रहा था। युवक हिंदी नहीं समझता था और केवल तेलुगु और अंग्रेजी जानता था। राजकोट पुलिस आयुक्त कार्यालय के पासपोर्ट विभाग में कार्यरत हेड कॉन्स्टेबल रेणुका चौधरी की नजर इस युवक पर पड़ी। वे  युवक के पास आई और उसे समझाकर परिवार के साथ सुखद मिलन कराया। 

 युवक की मदद को आगे आई हेड कांस्टेबल रेणुका चौधरी

हेड कांस्टेबल रेणुका चौधरी के अनुसार युवक एक माह से फुटपाथ पर बैठा था। उससे बात करने की कोशिश करने पर पता चला कि वह आंध्र प्रदेश के निलोद जिले के सिद्धपुरा गांव का रहने वाला है और उसका नाम वैंकटेश है। जैसे-तैसे उसने युवक से उसके पिता का नंबर लिया और उससे संपर्क किया। चूंकि उनके पिता भी हिंदी भाषा नहीं जानते थे, इसलिए बातचीत में भाषा की समस्या सबसे बड़ी बाधी थी। हालांकि टूटी-फूटी अंग्रेजी में ही उन्होंने बताया कि उनका बेटा राजकोट में है। इसके बाद आंध्र प्रदेश पुलिस ने गुजरात पुलिस से संपर्क किया। ऐसे में आंध्र प्रदेश पुलिस का एक सिपाही व पिता युवक को लेने राजकोट आए। इस प्रकार एक युवक का परिवार के साथ सुखद मिलन कराया गया।  

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