
सूरत : रिटायर्ड प्रोफेसर और उनकी पत्नी को बंधक बनाकर 7 लाख की लूट
चाकू की नोंक पर बुजुर्ग दंपत्ति से लूट लिए सात लाख रुपये
लुटेरों ने पहले चाकू दिखाकर गला दबाने के बाद लूट को अंजाम दिया
सूरत के अडाजन इलाके में प्राइम आर्केड के सामने रणछोड़ नगर सोसाइटी में रहने वाले नवयुग कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर और उनकी बुजर्ग पत्नी के घर में सुबह लूट की घटना सामने आई है। सुबह करीब पांच लुटेरे घर में घूसे और घर में रह रहे वृद्ध दंपती को चाकू की नोक पर बंधक बना लिया और घर से सात लाख रुपये लूट कर फरार हो गये।
कुछ भी समझने का समय नहीं दिया
शिकार हुए बुजुर्ग दंपत्ति में से नीताबेन पटेल ने कहा कि लुटेरों ने मेरे पति के मुंह से आवाज आई तभी उन्हें कुछ हो रहा हो ऐसा महसूस हुआ। मुझे लगा कि मेरे पति को दिल का दौरा पड़ा है और मैं चिल्लाते हुए बाहर आने ही वाली थी। इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती चार लोग मुंह पर रूमाल बांधे मेरे पास आए। सीधे मेरा मुंह दबा दिया और चाकू मेरे गले पर रख दिया इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकी।
लुटेरों ने गर्दन पर चाकू रख दिया और कहा कि अगर तुम कुछ बोलोगे तो हम चाकू मार देंगे। हमे इस तरह की धमकियां देने पर हम कुछ नहीं कह सकते थे।' ज्ञात हो कि वे सभी हिन्दी में बात करते थे। उन्होंने गाली गलोच करते हुए घर की सारी अलमारियां खोल दीं। अलमारी से सोना-चांदी निकालने की धमकी दी। इसी बीच जब उन्हें अलमारी में कैश मिला तो उन्होंने सारा कैश लूट लिया।
अपने साथ हुई घटना के बारे में बताते हुए नीताबेन पटेल ने आगे कहा कि लुटेरों ने गर्दन पर चाकू लगाकर अलमारी खोल दी। अलमारी से उन्होंने एक कपड़े का दुपट्टा लिया और हमारे हाथों को पीठ के पीछे बांध दिया और फिर हमारे पैरों को बहुत कसकर बांध दिया। हमारे मुंह भी दुपट्टे से ढके हुए थे और कहा की शोर मचाया तो जान से मारने की धमकी दी।
लूटेरे पांच लोग थे
वृद्ध पीड़ित शिवराम पटेल ने कहा कि मैं अखबार लेकर घर आया और घर का दरवाजा खुला रखा। मैं हॉल में सोफे पर बैठकर पेपर पढ़ रहा था और अचानक पांच लोग अंदर घुस आए और सीधे मेरा मुंह दबा दिया। कुछ कहने पर जान से मारने की धमकी दी। तभी मैंने थोड़ा शोर मचाया और बगल के कमरे में पत्नी के सो रही थी उसकी आवाज सुनी तो चार अन्य लोग मेरी पत्नी के पास पहुंचे और उसे भी बंधक बना लिया।
दंपत्ती जून में अमेरिका जाने वाले थे
घर की सारी अलमारीयां खोल दी और अलमारी में रखे 7 लाख रुपए लेकर भाग गए। दंपत्ती को जून महिने में अमेरिका जाना था और इन सभी रुपयों को डॉलर में बदलना था। लुटेरे घर से पैसे लेकर भागे तो उन्होंने मेरे हाथ-पैर दुपट्टे आदि से बांध दिए। फिर मैं किसी तरह बाहर आया। तभी बाहर से लोग दिखे और उनसे मदद मांगी। एक अजनबी ने मुझे ऐसी हालत में देख मुझे और मेरी पत्नी को छुड़ाया। उसके बाद फिर घटना की सूचना पुलिस को दी गई और पुलिस स्थल पर पहुंची ।