सूरत :  राज्य में पहली बार आवारा बच्चों का सर्वे, सड़कों पर मिले 347 बच्चों में से 21 अनाथ

सूरत :  राज्य में पहली बार आवारा बच्चों का सर्वे, सड़कों पर मिले 347 बच्चों में से 21 अनाथ

शिक्षा से जीवनयापन की सुविधा के लिए प्रयास : बिशाखा जैन-एसीपी

सड़क पर घूमने वाले बच्चे अपराध या नशे की गिरफ्त में न आएं इसके लिए देश में दिल्ली के बाद पहली बार सूरत पुलिस ने ऐसे बच्चों का सर्वे शुरू किया ह। फिलहाल 15 थाना क्षेत्रों में खासकर फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों का सर्वे किया गया है। इनमें 347 बच्चे पाए गए जिनमें से 182 लड़के और 165 लड़कियां हैं। 21 बच्चे अनाथ हैं,  7 को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है। 

एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयु) का एक पुलिसकर्मी, फंड्रास फॉर वीमेन एंड चिल्ड्रन (एफएफडब्लूसी) के स्वयंसेवक सर्वेक्षण में शामिल हुए। जो सड़क के फुटपाथ पर या ट्राफिक सर्कल पर रहनेवाले बच्चों से विवरण प्राप्त करते हैं। विवरण जैसे कि बच्चा क्या कर रहा था, क्या उसे भोजन मिल रहा है, क्या वह पढ़ने के लिए तैयार है, कोई बीमारी, सहायक साक्ष्य, फोटो आदि।

माता-पिता ने क्या कहा?

सीआईडी ​​क्राइम कोऑर्डिनेटर पीयूष शाह ने फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के माता-पिता से बात करने पर उन्होने कहा कि हम फुटपाथ पर रहते हैं लेकिन हमने बच्चों को अच्छी जिंदगी दी है। यह काम सरकार कर सकती है।

पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे

ऐसे बच्चों के माता-पिता की काउंसिलिंग की जाएगी। बच्चों को घूमने नहीं दिया जाएगा, कुछ खास इंतजाम किए जाएंगे। बाल संरक्षण गृहों एवं शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने का भी प्रयास किया जायेगा।  अजय तोमर, पुलिस आयुक्त, सूरत

शहर के इन थानों में सर्वे किया गया

शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में बच्चों का सर्वे किया गया। महिधरपुरा थाना क्षेत्र से 55 बच्चे मिले है। कतारगाम से 37, अमरोली से 36, वराछा से 33, सलाबतपुरा से 32, जहांगीरपुरा से 29, रांदेर से 20, कापोद्रा से 19, अडाजण से 19, चोकबाजार से 17, अठवा पुलिस थाने से 16, लालगेट से 14, सरथाणा से 13, खटोदरा से 5 और पाल पुलिस थाना क्षेत्र में सर्वे के दौरान 2 बच्चे मिले। 

Tags: Surat