सूरत : टेक्सटाइल पर्व 2.0 का छठा दिन, ग्लोबल वैल्यू चेन में सूरत की भूमिका पर मंथन

कॉमनवेल्थ गेम्स टेक्सटाइल सेक्टर के लिए बड़ा अवसर, एंटरप्रेन्योर्स अभी से तैयार हों: एस.पी. वर्मा

सूरत : टेक्सटाइल पर्व 2.0 का छठा दिन, ग्लोबल वैल्यू चेन में सूरत की भूमिका पर मंथन

सूरत। सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के GFRRC (ग्लोबल फैब्रिक रिसोर्स एंड रिसर्च सेंटर) द्वारा आयोजित ‘टेक्सटाइल पर्व 2.0’ के छठे दिन शनिवार को “भारत की टेक्सटाइल पॉलिसी का भविष्य और ग्लोबल वैल्यू चेन में सूरत की भूमिका” विषय पर विशेष ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन आयोजित किया गया। यह आयोजन 1 से 8 दिसंबर 2022 तक समृद्धि, नानपुरा में प्रतिदिन दोपहर 1:30 बजे से चल रहा है।

सेशन की शुरुआत चैंबर के प्रेसिडेंट  निखिल मद्रासी के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने कहा कि मुख्य वक्ता और भारत सरकार के पूर्व एडिशनल टेक्सटाइल कमिश्नर, एस.पी. वर्मा को टेक्सटाइल इंडस्ट्री का गहरा अनुभव है।

चैंबर ने उन्हें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए कंसल्टेंट के रूप में नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल इनोवेशन के लिए हर व्यक्ति को आजीवन विद्यार्थी बने रहना चाहिए।

मुख्य वक्ता एस.पी. वर्मा ने भारत की टेक्सटाइल पॉलिसी के बदलते स्वरूप, ग्लोबल मौकों, मैन-मेड फाइबर (MMF) वैल्यू चेन की चुनौतियों और विश्व टेक्सटाइल व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने में सूरत की महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, सस्टेनेबिलिटी, स्किल डेवलपमेंट और ग्लोबल सप्लाई चेन के बदलते स्वरूप पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने उल्लेख किया कि टेक्सटाइल पॉलिसी 2024 में सस्टेनेबिलिटी, इनोवेशन और इन्वेस्टमेंट पर विशेष फोकस किया गया है। स्मार्ट और टेक्निकल टेक्सटाइल को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रावधान किए गए हैं।

एस.पी. वर्मा ने कहा कि 2030 में अहमदाबाद में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए बड़े अवसर लेकर आएंगे, इसलिए एंटरप्रेन्योर्स को अभी से तैयारी करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सिंथेटिक फैब्रिक की वैश्विक मांग तेजी से बढ़ रही है और भारत को बड़े पैमाने पर इसके उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। सूरत के लिए आने वाला समय बेहद संभावनाओं से भरा है, खासकर MMF इंडस्ट्री के लिए।

उन्होंने पर्यावरणीय चुनौतियों, स्किल्ड वर्कर्स की कमी और चीन से प्रतिस्पर्धा जैसे मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने सुझाव दिया कि सूरत को एक डेडिकेटेड टेक्सटाइल मशीनरी पार्क की आवश्यकता है, जिससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती मिलेगी। उन्होंने संशोधित PLI स्कीम के तहत उपलब्ध इंसेंटिव्स की जानकारी भी साझा की।

कार्यक्रम में चैंबर के पूर्व प्रेसिडेंट और टेक्सटाइल टास्क फोर्स के चेयरमैन आशीष गुजराती ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और मुख्य वक्ता का परिचय कराया। GFRRC के को-चेयरमैन अमरीश भट्ट ने कार्यक्रम का संचालन किया और उपस्थित मेहमानों का आभार व्यक्त कर सत्र का समापन किया।