राजकोट : जंत्री के दाम दोगुने किये जाने पर बिल्डरों में नाराजगी, क्रेडाई गुजरात ने बुलाई बैठक 

राजकोट : जंत्री के दाम दोगुने किये जाने पर बिल्डरों में नाराजगी, क्रेडाई गुजरात ने बुलाई बैठक 

राज्य सरकार द्वारा जंत्री के दाम में सौ फीसदी की बढ़ोतरी किये जाने पर रविवार को बिल्डर-डेवलपर्स ने जूम मीटिंग आयोजित कर जताया विरोध

राज्य सरकार ने जंत्री के दाम में सौ फीसदी की बढ़ोतरी की है। जिससे बिल्डर्स की नाराजगी भी सामने आ गई है। यह मूल्य वृद्धि नई संपत्ति खरीदना महंगा कर देगी। इसको लेकर रविवार को पूरे गुजरात के बिल्डर-डेवलपर्स की जूम मीटिंग आयोजित की गई। इसको लेकर राजकोट बिल्डर्स एसोसिएशन विरोध करेगा। उन्होंने मांग की है कि जंत्री लागू करने से पहले एक महीने का समय दिया जाए।

बैठक बुलाई गई

राज्य सरकार द्वारा अचानक जंत्री रेट बढ़ाने के फैसले के मद्देनजर पूरे गुजरात के बिल्डरों-डेवलपर्स की जूम मीटिंग बुलाकर सरकार के सामने पेशकश किया गया है। इस बैठक में नई जंत्री दर के हर पहलू पर विचार कर सरकार के सामने पेशकश किया जाएगा। यह भी कहा गया है कि जंत्री में अचानक की गई वृद्धि को वापस लेने और संतुलित वृद्धि लागू करने का अनुरोध किया जाएगा।

बिल्डरों में नाराजगी

कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मौजूदा अध्यक्ष तेजस जोशी ने भी मीडिया से बात करते हुए नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि बिना तर्क के जंत्री को बढ़ाया गया है। इस संबंध में हफ्तों पहले बिल्डरों से चर्चा भी हुई थी। लेकिन कट ऑफ डेट दी जानी चाहिए। वह दिये बिना अचानक वृद्धि कर दिया जाना यह उचित नहीं है। सर्कुलर में यह भी नहीं बताया गया है कि टीडीआर के स्ट्रक्चर की गणना क्यों की जानी चाहिए। भूमि को गैर-कृषि बनाने के लिए प्रीमियम की गणना कैसे की जाए, इस पर भी कोई स्पष्टीकरण नहीं है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि एफएसआई 
की संरचना की गणना कैसे की जाए।

जंत्री को कुछ क्षेत्रों में बढ़ाया जाना है और कुछ क्षेत्रों में घटाया जाना है

बीआरटीएस रूट पर जंत्री अलग तरह से चलता है। इस रूट पर एफएसआई को लेकर भी स्पष्टता नहीं है। ऐसे में इतना प्रतिशत बढ़ाना उचित नहीं है। जंत्री को कुछ क्षेत्रों में बढ़ाया जाना है और कुछ क्षेत्रों में घटाया जाना है। मौजूदा परियोजनाओं के सौदों में भी मुश्किलें बढ़ेंगी। यदि मौजूदा परियोजना की लागत बाजार मूल्य से अधिक है, तो उसमें भी बड़ी समस्या होने की संभावना है।

12 साल से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है

आपको बता दें कि 12 साल तक जंत्री दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, जो राज्य में जमीन और जमीन से जुड़ी संपत्ति के लिए सरकार का फ्लोर प्राइस है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट के लिए विधानसभा का सत्र फरवरी के तीसरे सप्ताह से शुरु होने वाला है। फिर नए वित्तीय वर्ष से पहले नई जंत्री लागू की गई है। गुजरात सरकार के राजस्व विभाग के दिनांक 4-2-2023 के प्रस्ताव क्रमांक एसटीपी-122023-20-एच.1 से जंत्री (एन्युअल स्टेटमेन्ट ऑफ रेट्स) 2011 के भाव में बढ़ोतरी कर दी गई हैं। सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए जंत्री की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही थी।

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