सूरत : GJEPC द्वारा एक ही दिन में 30 से अधिक निर्यातकों का पंजीकरण किया गया

सूरत : GJEPC द्वारा एक ही दिन में 30 से अधिक निर्यातकों का पंजीकरण किया गया

जीजेईपीसी ने 30 और 31 जनवरी को ईकामर्स एक्सपोर्ट लॉजिस्टिक पार्टनर के साथ एक पंजीकरण शिविर का आयोजन किया 

सूरत और गुजरात वर्षों से रत्न और आभूषण उद्योग में अग्रणी रहे हैं, वर्तमान में सूरत में प्रयोगशाला में विकसित हीरे और हीरे जड़ित आभूषणों का निर्माण फलफूल रहा है। नई जनरेशन के आभूषण निर्माता  ई-कॉमर्स के माध्यम से सीधे विदेशी व्यापार को विकसित करने में सक्षम हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से ई-कॉमर्स के माध्यम से बेचे जाने वाले छोटे पार्सल के प्रत्यक्ष निर्यात का कोई विकल्प नहीं था, जिसके कारण आभूषण निर्माता सीधे निर्यात नहीं कर सकते थे।

गुजरात के क्षेत्रीय अध्यक्ष विजय मांगुकिया ने इस अवसर का लाभ उठाया और जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के माध्यम से शिपमैक्स नामक लॉजिस्टिक पार्टनर के साथ से संपर्क किया। जेम एंड ज्वैलरी उद्योग विशिष्ट सेवाओं को शुरू करने के लिए संपर्क किया और उन्हें इस उद्योग में क्षमता से अवगत कराया। मांगुकिया के अथक प्रयासों के कारण, इस संगठन ने गुजरात के जेम एंड ज्वैलरी उद्योग के लिए अपनी सेवाएं खोलने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

जीजेईपीसी ने 8 दिन पहले इस विषय पर एक वेबिनार आयोजित किया था जिसमें 500 से अधिक निर्यातकों ने भाग लिया था और जिसमें से शिपमैक्स के अधिकारियों को जीजेईपीसी कार्यालय में ही उन सदस्यों की मदद के लिए आमंत्रित किया गया था जो खुदरा या ईकामर्स निर्यात शुरू करना चाहते हैं। सभी सदस्यों का ऑनबोर्ड पंजीकरण किया गया था। इसके अलावा, ईकामर्स के माध्यम से निर्यात के बाद बैकिंग समाधान प्रदान करने के लिए आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारी भी मौजूद थे।

जीजेईपीसी के गुजरात क्षेत्रीय अध्यक्ष विजयभाई मांगुकिया ने कहा कि "जब से मैंने जीजेईपीसी के गुजरात क्षेत्रीय अध्यक्ष का पद संभाला है, उस दिन से मेरा एकमात्र उद्देश्य है कि जीजेईपीसी द्वारा की जाने वाली हर गतिविधि परिणामोन्मुखी हो। आज एक दिन में 30 गैर-निर्यातक भाइयों ने निर्यात की अंतिम बाधा को पार कर लिया है, जिसे न केवल सूरत बल्कि पूरे भारत में जीजेईपीसी के इतिहास में एक महान दिन माना जा सकता है। मुझे खुशी है कि जीजेईपीसी में  हमारी टीम इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा रहे हैं। आने वाले समय में मेरा लक्ष्य वही रहेगा कि इसे कैसे ज्यादा से ज्यादा रिजल्ट ओरिएंटेड बनाया जाए और अगले 5 साल में सूरत का एक्सपोर्ट मुंबई से ज्यादा होगा।

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