सूरत को बनाएंगे वैश्विक डायमंड हब: चैंबर ने गठित की डायमंड टास्क फोर्स
हीरा एवं आभूषण उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने हेतु दिनेश नावडिया की अध्यक्षता में कार्य करेगा टास्क फोर्स
सूरत। हीरा एवं आभूषण उद्योग को वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के उद्देश्य से दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने डायमंड टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट के चेयरमैन दिनेश नावडिया को सौंपी गई है।
चैंबर अध्यक्ष निखिल मद्रासी ने जानकारी दी कि डायमंड टास्क फोर्स, उद्योग के व्यापक विकास हेतु वेंडर डेवेलपमेंट, अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों का आदान-प्रदान, प्रदर्शनी, कॉन्क्लेव, फैशन शो, अवॉर्ड शो और इंडिया ज्वेलरी शो स्तर के आयोजनों की योजना बनाएगी। इसके अंतर्गत वर्ष भर में 10 से 12 संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
चैंबर उपाध्यक्ष अशोक जीरावाला ने कहा कि वैश्विक बाजार में सूरत की पहचान मजबूत करने के लिए क्रेता-विक्रेता बैठकें और अंतरराष्ट्रीय रोड शो भी आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि डायमंड टास्क फोर्स सूरत को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय डायमंड और ज्वेलरी हब के रूप में स्थापित करेगी।
बैठक में सूरत डायमंड एसोसिएशन, जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, लैब ग्रोन डायमंड एसोसिएशन, इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन, और विभिन्न स्थानीय ज्वैलरी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
दिनेश नावडिया ने अपने सुझाव रखते हुए कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सूरत के हीरा उद्योग की मांग बढ़ाने हेतु नई ब्रांडिंग और मार्केटिंग रणनीति विकसित की जाएगी। इसके साथ ही कौशल विकास, नवाचार और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग पर विशेष बल दिया जाएगा।
पिंटूभाई ढोलकिया ने सुझाव दिया कि उद्योग के प्रतिनिधिमंडलों को वैश्विक खनन स्थलों पर भेजा जा सकता है, और युवाओं को हीरे की कटिंग, पॉलिशिंग, डिजाइनिंग और जेमोलॉजी जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए लघु पाठ्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए।
सूरत डायमंड एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश खुंट ने कहा कि चैंबर के माध्यम से वैश्विक मांग को देखते हुए नई संभावनाएं खोली जा सकती हैं। वहीं, लैब ग्रोन डायमंड एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबूभाई वाघाणी ने कहा कि सूरत में उत्पादन की गुणवत्ता और न्यूनतम अपव्यय इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाता है।
सलाहकार नीरव जोगानी ने सुझाव दिया कि 'ब्रांड सूरत' की अंतरराष्ट्रीय पहचान को मजबूती देने के लिए सरकार के समक्ष आयात-निर्यात नीति, जीएसटी सुधार, कौशल विकास के लिए अनुदान, बुनियादी ढांचे का सहयोग और तकनीकी उन्नयन जैसे मुद्दों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
डायमंड टास्क फोर्स के गठन के साथ, सूरत का हीरा एवं आभूषण उद्योग एक नए युग की ओर अग्रसर हो रहा है, जिसका लक्ष्य है सूरत को हीरा और आभूषण उद्योग का वैश्विक केंद्र बनाना।