सूरत : शिक्षा समिति के स्कूलों में छात्रों को वर्दी-बूट-दस्ताने उपलब्ध कराने में हो रही गड़बड़ी

सूरत : शिक्षा समिति के स्कूलों में छात्रों को वर्दी-बूट-दस्ताने उपलब्ध कराने में हो रही गड़बड़ी

विपक्ष ने कार्रवाई के लिये दिया ज्ञापन, साल पूरा होने को है लेकिन छात्र-छात्राएं अभी भी वर्दी और जूते-चप्पल जैसी आवश्यक वस्तुओं से वंचित

सूरत नगर निगम की पिछली सभी आम सभाओं में भी विपक्ष द्वारा कई बार लिखित-मौखिक अभ्यावेदन किया जा चुका है। स्कूल शुरू होते ही वर्दी, बूट-दस्ताने, स्कूल बैग, स्टेशनरी किट आदि सहित सभी आवश्यक सामान उपलब्ध कराने के लिए योजना बनाना आवश्यक है। हालांकि, शिक्षा समिति के स्कूलों को अभी तक यूनिफॉर्म, बूट और ग्लव्स नहीं मिले हैं। तो आज विपक्ष ने तख्तियां लेकर विरोध जताया।

वर्ष की समाप्ति के बावजूद विलंब

दिसंबर का महीना आधा बीत जाने के बाद भी अभी तक सभी बच्चों को यूनिफॉर्म-जूते-मोजे नहीं मिले हैं। यहां तक ​​कि जो वर्दी-बूट-दस्ताने प्राप्त हुए हैं, उनमें भी उनके आकार और गुणवत्ता को लेकर कई शिकायतें हैं। वर्दी-बूट-ग्लव्स की भी सही व समय पर जांच नहीं हो पाई है।

कदाचार के बावजूद कोई जुर्माना नहीं

इतनी अनियमितताएं करने के बावजूद दोनों एजेंसियों पर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया है और एक ही एजेंसियों को बार-बार आदेश दिया गया है जो कि बेहद गंभीर मामला है। विपक्ष ने मांग की है कि बच्चों को वर्दी, बूट-दस्ताने, स्कूल बैग, स्टेशनरी किट आदि जैसी शेष सभी आवश्यक वस्तुएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं और कार्यादेश की शर्तों का उल्लंघन करने पर दोनों एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

विपक्ष का आरोप है कि नगर प्राथमिक शिक्षा समिति में करोड़ों रुपये का बजट होने के बावजूद जिन बच्चों के लिए यह कोष आवंटित किया गया है वे लाभ से वंचित रह जाते हैं तो बजट का क्या फायदा। यह शर्म की बात है कि साल के अंत तक बच्चों को वर्दी और बूट जैसी बुनियादी चीजें भी उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं। शिक्षा को लेकर अधिकारी जमकर बवाल कर रहे हैं। लेकिन हकीकत बहुत अलग है। समय पर बच्चे नहीं देने की अधिकारियों की मानसिकता का बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। इतना ही नहीं, जिस एजेंसी को काम सौंपा गया है, अगर वह इसे समय पर पूरा नहीं करती है, तो उस पर भी जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

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