वडोदरा : ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के लाभार्थी इस योजना तथा मोदी साहब के गुणगान करते नहीं थक रहे हैं

वडोदरा :  ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के लाभार्थी इस योजना तथा मोदी साहब के गुणगान करते नहीं थक रहे हैं

मोदी साहब की योजना के चलते मैं कंधे में लगी चोट का सबसे अच्छा उपचार करवा पाया हूं : जगदीशभाई परमार

‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ कार्ड के कारण मेरे पेट का ऑपरेशन तथा मेरी माँ के दिल की सर्जरी मुफ्त हुई 
भारत सरकार ने ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ लागू की है, जिसमें गुजरात सरकार भी सहभागी बनी हुई है। वडोदरा ज़िले के इस योजना के लाभार्थी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारत सरकार और गुजरात सरकार का दिल की गहराईयों से आभार मानते हुए नहीं थक रहे हैं, क्योंकि जब उनके जीवन में स्वास्थ्य संकट अर्थात् मेडिकल इमरजेंसी पैदा हुई तब इस योजना के चलते उन्हें महँगा इलाज मुफ्त में मिला। इस योजना के कार्ड के चलते उन्हें महँगा उपचार मुफ्त में मिला है। इससे उन्हें तलवार का घाव सुई से मिट जाने जैसा महसूस हो रहा है। 
पादरा तहसील के मासर रोड निवासी जगदीशभाई लालजीभाई परमार को मोटर साइकिल से गिरने के कारण कंधे में गंभीर चोट लगी थी। इस वर्ष 19 मार्च को घटना बनी थी। 47 वर्षीय जगदीशभाई सिक्योरिटी गार्ड के रूप में नौकरी करते है, उपचार के लिए जितने अस्पताल में गए, उन सभी ने ऑपरेशन के लिए भारी खर्च बताया। हालांकि इस असमंजस की घड़ी में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना कार्ड उनके काम आया। इस कार्ड की वजह से उनके कंधे की चोट का मुफ्त इलाज संभव हो पाया। उनका कहना है कि मोदी साहब की इस योजना से स्वास्थ्य संकट की घड़ी में आम आदमी को अच्छा इलाज मिल जाता है। मैं उनका बहुत आभारी हूं।
वाघोडिया निवासी दक्षाबहन रामचंद्र वसावा को पेट में असहनीय दर्द होता था। इसके उपचार के लिए हिस्टेरेक्टॉमी का ऑपरेशन कराना आवश्यक था और उसके लिए 40 हज़ार रुपए का अनुमानित खर्च बताया गया था। सामान्य श्रमजीवी परिवार के लिए इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था करना असंभव था। इस संकट में आशा वर्कर बहन उनकी मदद के लिए आगे आई। दक्षाबहन के पास पुराना कार्ड था लेकिन उसकी समयावधि समाप्त हो चुकी थी।  इस समस्या के समाधान के रूप में जमनाबाई अस्पताल से उनका नया कार्ड बन गया। उनका ऑपरेशन हुआ और इस समय वह स्वस्थ जीवन जी रही है। यह पीएमवायजे के कारण संभव हो पाया। यह बात यहीं पर समाप्त नहीं होती है। इस कार्ड के चलते उनकी माता की ह्रदय रोग की और भाई के किडनी का महँगा इलाज मुफ्त में संभव हो पाया है। इस प्रकार यह कार्ड उनके परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी आशीर्वाद समान साबित हुआ है। 
वडोदरा के लक्ष्मीपुरा के अरविंदभाई हरमानभाई पटेल निजी कंपनी में डिजल मैकेनिक के रूप में काम करते है। कंपनी बंद हो जाने से उनकी नौकरी चली गई। इस संकट की घडी में उन्हें दिल का दौरा पड़ा। इस समय वह सोसायटी के चौकीदार के रूप में सामान्य नौकरी कर रहे थे और ऑपरेशन का खर्चा उठाना उनके लिए संभव नहीं था। सौभाग्य से उनके पास पीएमवायजे योजना का कार्ड था। जो इस संकट की घड़ी में जीवन रक्षक साबित हुआ। शहर के प्रसिद्ध निजी अस्पताल में यह कार्ड मान्य था, जिसकी मदद से उनका एंजियोग्राफी हो पाया और महँगी दवाईयां भी उन्हें निःशुल्क मिली । वह कहते हैं कि जो लोग रोज कमाते और खाते हैं, ऐसे सामान्य लोगों के लिए मोदी साहब की योजना का यह कार्ड किसी फ़रिश्ते से कम नहीं है।
पास के रणोली गाँव की निवासी 46 वर्षीय गीताबहन कालिदास सोलंकी का मामला भी यह साबित करता है कि सरकार इस कार्ड के जरिए आम आदमी की कितनी चिंता करती है। पानी भरते समय पीठ की नस खिंचने से उन्हें असहनीय दर्द होने लगा। निजी अस्पताल में इलाज का खर्च 6 लाख रुपए तक पहुँचने की संभावना व्यक्त की गई, जो उनके लिए संभव नहीं था।  गोत्री के अस्पताल में उनकी सर्जरी तो हुई, किंतु अपेक्षित परिणाम नहीं मिला और वह बिस्तर पर ही पड़ने रहने के लिए मज़बूर बन गई। इस दौरान कोढ़ में खाज समान उनके पति की कैंसर से मृत्यु हो गई। उन्होंने पीएमवायजे कार्ड रिन्यु कराया और नए प्रावधान के अनुसार 5 लाख रुपए तक का उपचार खर्च उन्हें मिल पाया। इस कार्ड की मदद से उनकी निःशुल्क सर्जरी हुई और वह असहनीय पीड़ा से मुक्त होकर आज सामान्य जीवन जी रही हैं। 
वह कहती हैं कि इस कार्ड की मदद नहीं मिली होती तो जीवन जीना असंभव हो जाता। पीएमवायजे योजना और उसका कार्ड वडोदरा शहर और ज़िले के कई लाभार्थियों के लिए संकट की घड़ी में कड़ी बनी है और स्वास्थ्य संकट के समय उनकी रक्षा हुई है। वह मोदी साहब का दिल से और सरकार की संवेदना का दिल से आभार मानते है। 
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