60 लाख की नौकरी छोड़ कर शुरू की खुद की पिज्जा ट्रेन रेस्टोरेंट, हर साल करते है आठ करोड़ का टर्नओवर

60 लाख की नौकरी छोड़ कर शुरू की खुद की पिज्जा ट्रेन रेस्टोरेंट, हर साल करते है आठ करोड़ का टर्नओवर

राजकोट की कॉलेज में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर मनीष पटेल यूके, यूएस और केनेडा गए और 12 साल तक की नौकरी भी की, पर फिर भी दिल को सुकून नहीं मिला। अंदर ही अंदर उन्हें कुछ अलग करने की इच्छा थी। इसके चलते उन्होंने देश में वापिस आकर वड़ोदरा  में में पिज्जा ट्रेन रेस्टोरेंट शुरू की। शुरुआत में कुछ तकलीफ़ों के बाद उनकी इस नई पहल को काफी सफलता मिली और वड़ोदरा के बाद उन्होंने सूरत में भी कुल मिलाकर 6 रेस्टोरेंट खोल दिया।
वड़ोदरा में रहने वाले दोनों भाई मनीष पटेल और नीरव पटेल ने वड़ोदरा और सूरत में ला पिज्जा रेस्टोरेंट चला रहे है, जिसमें से 3 उनकी खुद की है जबकि तीन रेस्टोरेंट की उन्होंने फ्रेंचायजी डी हुई है। दोनों भाई सूरत और वड़ोदरा के बाद अहमदाबाद और राजकोट तथा उसके बाद धीरे धीरे पूरे देश में अपनी फ्रेंचायजी खोलने का लक्ष्य रख रहे है। बता दे की मनीष पटेल तो केनेडा में एक प्रतिष्ठित कंपनी में ऑपरेशन मैनेजर के तौर पर काम करते थे और उनकी वार्षिक कमाई 60 लाख रुपए थे। 
60 लाख की नौकरी छोड़कर वह गुजरात में आ गए और यहा अपनी खुद की पिज्जा फ्रेंचायजी खोली, जिससे वह सालाना आठ करोड़ का टर्नओवर करते है। इन रेस्टोरेंट में ग्राहक के ऑर्डर के अनुसार सबसे पहले ट्रेनों में पिज्जा ग्राहक तक आता है, इसके बाद वेटर द्वारा ग्राहकों को पिज्जा परोसा जाता है। ट्रेन को वाईफ़ाई से कनेक्ट ग्राहक के ऑर्डर के अनुसार उनके टेबल पर भेजा जाता है। हर टेबल को वड़ोदरा के विभिन्न इलाकों के नाम दिये गए है।
मनीष ने कहा की कोरोना कल के दौरान उन्हें काफी नुकसान हुआ था। काफी बड़ा नुकसान हुआ था। पर इसके बड़ा हिम्मत हारे बिना उन्होंने फिर से रेस्टोरेंट शुरू किया और अब वह फिर से आगे बढ़ रहे है तथा आने वाले समय में अहमदाबाद और राजकोट में रेस्टोरेंट शुरू करने का लक्ष्य रखा है। मनीष के भाई नीरव ने बताया की जब उनका भाई मनीष केनेडा से वापिस आया, तब उन्होंने वह फूड ट्रेन तैयार की थी। इस ट्रेन को तैयार करने के लिए उन्हें 6 महीने का समय लगा था, जिसके बाद उन्होंने उसकी पेटंट बुक करवाई थी।
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