राजकोट : फ्रेंडशिप डे का दिल छू लेने वाला मामला, मृत दोस्त की मूर्ति बनाकर करता है पूजा!

राजकोट : फ्रेंडशिप डे का दिल छू लेने वाला मामला, मृत दोस्त की मूर्ति बनाकर करता है पूजा!

  दोस्ती के लिए एक कहावत है, दोस्त हो तो ढाल बराबर होती है। इतिहास में दोस्ती के कई उदाहरण अमर हैं। ऐसी ही एक दोस्ती जेतपुर में देखने को मिलती है। दोस्ती जिंदा रहते हुए भी की जा सकती है लेकिन अगर कोई दोस्त दुनिया को अलविदा कह दे तो दोस्ती को जिंदा कैसे रखोगे? इसका जवाब देने वाला एक दिलचस्प मामला जेतपुर में सामने आया है। यह व्यक्ति नश्वर संसार से विदा होने के बाद अपने मित्र को भगवान की तरह पूजता है। जेतपुर के श्मशान में कई मूर्तियां हैं और लोग उनकी पूजा करते नजर आते हैं। यहां एक मूर्ति और उसके उपासक विशेष ध्यान आकर्षित करते हैं। हम बात कर रहे हैं चंदूभाई मकवाना की, जिसका जेतपुर के निर्माण उद्योग से जुड़े हैं। हर सुबह चंदूभाई जेतपुर श्मशान में एक मूर्ति के पास जाते हैं और उसकी पूजा करते हैं। चंदूभाई जिस मूर्ति की पूजा करते हैं, वह किसी भगवान की मूर्ति नहीं है। यह मूर्ति उनके सबसे अच्छे दोस्त अप्पू जोगराना की है।
अप्पूभाई और चंदूभाई दोनों बचपन के सबसे अच्छे दोस्त थे। दोनों मूल रूप से भावनगर के रहने वाले थे। जिसके बाद चंदूभाई अपने बिजनेस के सिलसिले में जेतपुर आ गए। इस दौरान अप्पूभाई का एक्सीडेंट हो गया। दुर्घटना की खबर सुनते ही चंदूभाई के पहुंचने से पहले ही अप्पूभाई दुनिया छोड़ कर चले गए। अपने मित्र की मृत्यु के बाद चंदूभाई ने अपनी स्मृति को जीवित रखने का एक अनूठा तरीका खोजा। उन्होंने अपने मित्र की मूर्ति बनाकर जेतपुर के श्मशान में स्थापित कर दी, आज भी चंदूभाई घर से निकलते ही सबसे पहले अपने मित्र की पूजा कर दिन की शुरुआत करते हैं। आज के कलियुग में चंदूभाई की अपने दोस्त के प्रति आस्था और दोस्ती किसी को भी ईर्ष्या करने पर मजबूर कर देती है। उनकी दोस्ती देखकर लोग हैरान हैं और उनकी अटूट दोस्ती पूरे क्षेत्र में जानी जाती है।
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