राजकोट : पावर कट हो जाने पर माचिस जला कर करने जा रहे थे उजाला, 1 साल की बच्ची सहित पाँच जन जले

राजकोट : पावर कट हो जाने पर माचिस जला कर करने जा रहे थे उजाला, 1 साल की बच्ची सहित पाँच जन जले

राजकोट के कूवाडवा पुलिस स्टेशन के पास सोमवार रात को 11 बजे के करीब एक झोंपड़ी में आग भड़क उठी थी। जिसमें एक, आठ और दस साल की बच्ची सहित कुल 5 लोग जल गए थे। इसके चलते सभी सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान एक साल की बच्ची की मौत हुई थी, जबकि एक बच्ची और एक युवती की हालत काफी गंभीर मानी जा रही है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है की लाइट ना होने के कारण परिवार ने दिया जलाने के लिए बाइक में से एक बर्तन में पेट्रोल निकाला था, हालांकि जब उन्होंने बर्तन में पेट्रोल देखने के लिए माचिस जलाई तो उसके साथ झोंपड़ी भी जल उठी थी। 
पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कूवाडवा रोड पर पुलिस स्टेशन के पीछे आए एक झोंपड़ी में आग लगने से पूरी सोलंकी (1 साल), प्रिया सोलंकी (10 साल), भावुबेन सोलंकी (25 साल), पूंजी सोलंकी (8 साल) और रूपा सोलंकी (26 साल) और अन्य दो बालक जल गए थे। इसके चलते सभी को सिविल अस्पताल ले जाया गया था। इलाज के दौरान एक साल की पूरी की मौत हो गई थी। जबकि प्रिया और भावुबेन की स्थिति अभी भी काफी गंभीर है। 
(Photo Credit : divyabhaskar.co.in)
घटना की जानकारी मिलते ही 108 और फायरब्रिगेड का स्टाफ घटनास्थल पर पहुँच गया था। कातिल ठंडी में दमकल के स्टाफ ने पानी चला कर आग पर काबू हासिल किया था। ठंडी में झोंपड़ी का सहारा भी गरीब परिवार से छिन गया है तथा एक साल की पूरी की भी मौत हुई थी। परिवार के एक सदस्य सुनील ने बताया की लाइट चली गई थी और इसके लिए दिया करने के लिए बाइक में से पेट्रोल निकाल कर उसकी क्वांटीटी चेक करने के लिए माचिस जलाकर देखने गई। इसके चलते सभी आग की चपेट में आ गए थे। 
इसके अलावा सिविल अस्पताल के बर्न्स विभाग में मात्र एक ही इंटर्न डॉक्टर होने के कारण उसके इलाज में काफी अडचण आ रही थी। पाँच बच्चों और दो महिला बिलकुल जली हुई हालत में अस्पताल में आए थे, इसके चलते उनका तुरंत ही इलाज करना जरूरी था। सात मरीजों पर एक ही डॉक्टर होने के कारण एक साल की बच्ची सहित मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा था। 
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