राजकोट में स्थापित हुआ राज्य का पहला स्किन बैंक

राजकोट में स्थापित हुआ राज्य का पहला स्किन बैंक

आग से जले हुए तथा एसिड से प्रभावित हुए लोगों के लिए होगी काफी मददगार

अब तक आपने नेत्र दान और अंग दान के बारे में बहुत कुछ सुना होगा। पर क्या आपने त्वचा के दान के बारे में सुना है। जी हां त्वचा का दान, जलें हुए लोगों के लिए तथा एसिड अटैक का शिकार बने लोगों के लिए पिछले कई समय से दुनिया भर में स्किन डोनेशन कार्यक्रम काफी विस्तारित हुआ है। ऐसे में राजकोट में इस तरह को एक बैंक का लोकार्पण हुआ है।
इस बैंक के खुलने से अब आप नेत्रदान की तरह अपनी त्वचा दान कर सकते हैं, बात थोड़ी हैरान करने वाली है। लेकिन इस बैंक के इस्तेमाल से बहुत से लोगों को फायदा होगा जिनकी त्वचा जल गई है या क्षतिग्रस्त हो गई है। कैसा है यह स्किन बैंक? और आप अपनी त्वचा कैसे दान कर सकते हैं? और यह कैसे उपयोगी हो सकता है? इसके बारे में पढ़ें यह रिपोर्ट!
अभी तक आपने नेत्रदान और अंगदान के बारे में सुना होगा। लेकिन अब मृत्यु के बाद भी त्वचा दान किया जा सकता है। राजकोट में ग्रेटर रोटरी नामक एक त्वचा बैंक स्थापित किया गया है। जो कोई भी अपनी मृत्यु के बाद त्वचा दान करना चाहता है वह इस बैंक में दान कर सकता है। संगठन द्वारा मृत व्यक्ति लेने के बाद उसे स्किन बैंक, जो की शास्त्री मैदान, राजकोट के सामने रेड क्रॉस ब्लड बैंक के परिसर में स्थित है; वहां स्टोर किया जाएगा। आधुनिक मशीनरी से लैस यह बैंक त्वचा को दो से तीन दिन से लेकर पांच साल तक स्टोर कर सकता है।
त्वचा दान कैसे दिया जा सकता है?
हमारे शरीर में त्वचा को तीन लेयर होती हैं। इसमें से पहली लेयर का इस्तेमाल किया का सकता है। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके रिश्तेदार छह घंटे के भीतर त्वचा दान पर निर्णय ले सकते हैं। प्रसंस्करण के एक घंटे के बाद, त्वचा को हटा दिया जाता है और फिर प्रक्रिया शुरू होती है। त्वचा को हटाने के बाद इसे 24 घंटे के लिए क्वारंटाइन किया जाता है और फिर संक्रमण न होने पर स्टोर कर लिया जाता है।
त्वचा को स्टोर कैसे किया जाता है? स्किन बैंक कैसे उपयोगी हो सकता है?
पूरे गुजरात के कई प्लास्टिक सर्जन सलाहकार के रूप में राजकोट के इस स्किन बैंक में शामिल हुए हैं। यह त्वचा सबसे अधिक जले हुए लोगों के लिए उपयोगी हो सकती है। इस त्वचा को लगाने से त्वचा में संक्रमण नहीं होगा और त्वचा के निशान भी दूर हो जाएंगे। साथ ही मधुमेह में गैगिंग का खतरा बहुत कम होता है और एसिड के कारण शरीर का कोई अंग जल गया हो तो यह वरदान रूप साबित हो सकता है। 
राज्य का पहला स्किन बैंक लॉन्च तो कर लिया गया है। हालांकि, इस बैंक के लॉन्च के साथ त्वचा दान के लिए जागरूकता बढ़ाना भी एक बड़ी चुनौती है।
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