राजकोट : सरकारी जमीन को खुद की बताकर बेचने वाली गैंग हिरासत में

राजकोट : सरकारी जमीन को खुद की बताकर बेचने वाली गैंग हिरासत में

सालों पहले सरकार से मिली जमीन को शर्त भंग करने के कारण फिर से सरकार ने ले ली थी

कुछ ही दिन ओहले राजकोट के सापर पुलिस स्टेशन में लोधीका के मामलातदार ने एंटी लेंड ग्रेबिंग एक्ट के तहत एक शिकायत दर्ज करवाई थी। मामलातदार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने कार्यवाही शुरू की और कुछ ही समय में 2 महिला सहित 5 लोगों को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में सामने आया की आरोपी सरकारी ज़मीनों को खुद की बताकर उसमें प्लोटिंग दिखाकर उसे बेच देते थे। इस तरह से करोड़ो का स्कैम इस गैंग द्वारा किया गया था।
कुछ ही समय पहले कलेक्टर अरुण महेश बाबू की अध्यक्षता में एंटी लेंड ग्रेबिंग एक्ट के मामलों का निराकरण लाने के लिए एक बैठक हुई थी। जिसमें कुल 40 केसों के बारे में निर्णय लिया गया था। इसमें से 4 केसों में केस दर्ज कर ने की सूचना दी गई तथा फिलहाल अभी 3 केस पेंडिंग है। इसके अलावा अन्य सभी 33 केसों की जांच भी पूर्ण कर ली गई है। इस तरह कलेक्टर की सूचना के अनुसार, शापर पुलिस स्टेशन में एंटी लेंड ग्रेबिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करवाया गया है, जिसमें पुलिस ने 2 महिला सहित 5 आरोपियों को हिरासत में लिया था।
केस की जानकारी के अनुसार, साल 1976 में सरकार द्वारा शापर पारडी के बीच शीतला माता के मंदिर के पास एक तीन एकर की जमीन भरतभाई व्यास को दी गई थी। पर प्रांत अधिकृ द्वारा जमीन के मामले में शर्त भंग होने की रिपोर्ट साल 1996 में दर्ज की गई। इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट और राजस्व विभाग में भी अपील की थी। पर हाईकोर्ट और राजस्व विभाग ने भी प्रांत अधिकारी के हुकम को मान्य रखा था। याचिकाकर्ता ने खुद की संतान न होने के कारण केस जीतने पर वह जमीन उसके भतीजे भावेश को मिले ऐसी एक विल तैयार की थी, पर वह केस हार गया था। 
पर इसके बावजूद भावेश ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर एक सोसाइटी बनाई थी, जिसका प्रमुख भी वह खुद ही बना था। इसके बाद भावेश ने 100 से 200 वार के प्लोटिंग भी जमीन पर कर दिये थे और करोड़ों की कीमत की सरकार की जमीन लोगों में बेच दी। पूरे मामले में पुलिस ने भावेश व्यास, नागरभाई जाधव, मनीषाबेन जाधव, अलकाबेन परमार, रामभाई भरवाड को हिरासत में लिया है।
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