ऑक्सीज़न की कमी से हुई पिता की मौत तो बेटियों ने किया यह नेक काम

ऑक्सीज़न की कमी से हुई पिता की मौत तो बेटियों ने किया यह नेक काम

पिता की अस्थियों के ऊपर लगाए ऑक्सीज़न देने वाले पेड़, समाज के अन्य लोगों के लिए बनी मिसाल

कोरोना महामारी ने लोगों को प्रकृति का महत्व बता दिया है। कोरोना की पहली लहर से लेकर दूसरी लहर तक में अब तक कई लोगों ने जान गवाई है। कोरोना से उपचार के दौरान लोगों को ऑक्सीजन की कमी, दवा की कमी और कई प्रकार की मुसीबतों का सामना करना पड़ा था। तब लोगों ने कुदरत का महत्व खुद ही समझ लिया था। हम पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से किए जा रहे हैं और ऑक्सीजन के स्रोत का नाश किए जा रहे हैं। लेकिन कोरोना में इसी ऑक्सीजन की कमी ने हमें खूब रुलाया।
ऐसे में राजकोट के एक परिवार की दो बेटियों ने लोगों के लिए एक नई राह दिखाई। पिता की मृत्यु के बाद दोनों बेटियों ने प्रकृति की रक्षा के कई पेड़ लगाए। विस्तृत जानकारी के अनुसार, राजकोट के निवासी भीमजी भाई बोडा को विगत दिनों कोरोना हो गया था। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल किया गया था। इस दौरान उपचार के समय ऑक्सीजन की कमी से उनकी मौत हो गई थी। पिता की इस तरह से मौत के कारण दोनो बेटियों को बहुत दुख हुआ। दोनो ने तभी से जीवन में ऑक्सीज़न का महत्व समझते हुए पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पेड़ लगाने का तय कर लिया। इसके बाद उन्होंने अपने पिता को अनोखे तौर पर श्रद्धांजलि देते हुये अपने पिता की अस्थियों को जमीन में रख उसके ऊपर पीपल, बरगद सहित कई पेड लगा चुके हैं, जिससे कि बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन वातावरण में मुक्त होती हैं। इस बारे में बात करते हुये बात करते हुये आरजु बोरडा ने कहा कि उनके पिता की मृत्यु ऑक्सीज़न की कमी के कारण हुई थी। इसके कारण उन्होंने यह निर्णय लिया था।