राजकोट : 40 साल की उम्र में किशोरी को भगा ले जाने वाला 70 वर्ष की आयु में पकड़ाया

राजकोट : 40 साल की उम्र में किशोरी को भगा ले जाने वाला 70 वर्ष की आयु में पकड़ाया

1991 में किया था अपहरण, 5 साल बाद 2 बच्चों की माँ बनाकर छोड़ दिया

माना जाता है की भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं है। देर से ही सही वह सभी के साथ न्याय जरूर करता है। कुछ ऐसा ही हुआ धोराजी के सुपेडी गांव से सन 1991 में किशोरी को भगा जाने के मामले में धीरुभाई पोला भाई सोवसिया के साथ। साल 1991 में किशोरी को भगा ले जाने वाके धीरुभाई के खिलाफ राजकोट पुलिस ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला दर्ज किया था जो कि 30 साल के बाद हल करते हुए पुलिस ने धीरुभाई को गिरफ्तार कर लिया है।
तीन संतानो के पिता ने फंसाया किशोरी को
आरोपी धीरू जिस किशोरी को भगा ले गया था। उसके माता पिता खेत में मजदूरी करते थे। धीरूभाई उनके घर के करीब रहता था। उस समय उनकी उम्र 40 साल की थी और और तीन बच्चों के पिता थे। लड़की की उम्र 17 साल की थी। लड़की को लेकर सूरत वह आए और उसे भी गर्भवती बना दिया। 2 बच्चों के जन्म के बाद महिला दूसरी जगह रहने चली गई। दूसरी ओर उसके परिवार वालों ने अपनी बेटी के गुम होने की शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई थी। पुलिस जांच कर रही थी। आरोपी इस दौरान हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, सूरत आदि घूमकर नौकरी करता था।
आरोपी ने दोनो बच्चे रखकर, युवती को भेज दिया
इस दौरान इस मामले की जांच एन्टि ह्यूमन ट्रैफिक सेल के पीएसआई सी.एस बाछानी के पास आने पर उन्होंने एएसआई जगत तरैया को इस मामले की जांच दी थी। जांच में पता चला कि आरोपी धीरू इन दिनों कोटड़ासंगानी के बिलिश्वर मंदिर के पास झोपड़ी में रहता है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, धीरु अब 69 साल का हो चुका है। उसने बताया कि पांच साल बाद ही उसने किशोरी को कामरेज से सूरत की बस में बैठा दिया और दोनो लडके ले लिए थे। जिनकी बिमारी के कारण मौत हो गई। पुलिस को अभी भी इस बात का शक है कि सच में उसने युवती को बस मैं बिठाया था या नहीं। पुलिस ने मामले की सत्यता जांचने के लिए धीरू का रिमान्ड लिया है।
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