अहमदाबाद : कोरोना के चलते दुकान बंद कराने निकले प्रशासनिक अधिकारियों से नाराज हुए कारोबारी

अहमदाबाद : कोरोना के चलते दुकान बंद कराने निकले प्रशासनिक अधिकारियों से नाराज हुए कारोबारी

बोले - चुनाव के दौरान कहां थे अधिकारी

गुजरात में कोरोना के बाद चुनाव के बाद से परिस्थिति लगातार बिगड़ रही है। कोरोना संक्रमितों की संख्या पहले की तुलना में तेरी से बढ़ रही है। इसके चलते गुजरात के चार महानगरों में रात्रि कर्फ्यू लगा देने के निर्देश दिए गए हैं।
अहमदाबाद के बाजारों में लोगों में रोष
अहमदाबाद के बाजार बंद करने के लिए गए महानगरपालिका की टीम को भूयंगदेव क्षेत्र में व्यापारियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। लोगों ने महानगर पालिका के अधिकारियों को घेर लिया। उनका कहना था कि चुनाव के दौरान क्यों नहीं सब कुछ बंद करवाया? क्यों चुनाव में घूमने वाले लोगों से दंड नहीं वसूल किया। लोगों की नाराजगी समझ गए अधिकारी भी चुपचाप रहे। 
रात को बाजार बंद करवाने निकले पालिका अधिकारियों के समक्ष रोष प्रकट करते लोग। (Photo:Youtube)
मनपा अधिकारियों पर जमकर गुस्सा निकाला
व्यापारियों ने कहा कि चुनाव के दौरान नेताओं ने जो बेपरवाह होकर भीड़ इकठ्ठा की, कोरोना मार्गदर्शिका की धज्जियां उड़ाईं उसी के कारण कोरोना फैला है और अब 10:00 बजे दुकान बंद कराने के लिए आ रहे हो। पब्लिक के पास रोजगार धंधा नहीं है, नेताओं की दुकानें देर तक चलती हैं, उनसे जाकर क्यों कुछ नहीं बोलते? पब्लिक परेशान है। पब्लिक के पास खाने के लिए रुपए नहीं है और यह सब क्या कर रहे हो? कई व्यापारियों का कहना था कि सरकार को ऐसे नियम बनाने चाहिए ताकि सामान्य लोगों को भी लाभ हो और कोरोना का संक्रमण भी कम हो। सरकार जब चाहती है तब दुकानें बंद करवा देती है और जब चाहती है तब दुकान खोलने को कहती है। विधानसभा परिसर में सरकारी बाबुओं - नेताओं से ५०० रुपये जुर्माना वसूला जाता है, और सामान्य लोगों पर 1000 का दंड ठोका जाता है।
सामान्य नागरिकों को नहीं हैं सुनवाई
सोशल मीडिया पर वायरल होते वीडियो में लोग आक्रोश व्यक्त करते सुने और देखे जा सकते हैं कि सरकार के लिए सामान्य लोग कीड़े-मकोड़े की हैसियत रखते हैं।  अहमदाबाद महानगरपालिका के सॉलिड वेस्ट विभाग के अधिकारी ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में सरकार ने जो निर्णय लिया है यदि हम उसका पालन नहीं करेंगे तो आगामी दिनों में परिस्थिति खूब गंभीर हो जाएगी। धंधा बंद कराने पर नाराज हुई एक महिला ने कहा कि नेताओं को कुर्सी मिल गई इसलिए यह सब शुरू हो गया। मेरा व्यापार सिर्फ 3 महीने का है। मेरा आम के रस का व्यापार है। चुनाव था तब लोगों को इकट्ठा किया। हम किराए के मकान में रहते हैं और 10000 किराया देते हैं। अब कैसे पैसे आएंगे? यह लोग तो लोग डाउन करके बैठ गए हैं।
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