डीआरडीओ ने खोजा सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प, लॉन्च किया बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग बैग

डीआरडीओ ने खोजा सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प, लॉन्च किया बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग बैग

वैज्ञानिकों के अनुसार लंबे रिसर्च और जाँच के बाद किया लांच, प्राकृतिक रूप से गलने जैसे फैक्टर को ध्यान में रखा कर बनाया गया

सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को रोकने और प्रकृति की सुरक्षा के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (डीआरडीओ) ने आचार्य नागार्जुन यूनिवर्सिटी और इकोलास्टिक प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी के साथ शुक्रवार को प्राकृतिक और पौधों पर आधारित फूड ग्रेड सामग्रियों से बने और पर्यावरण अनुकूल बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग प्रोडक्ट्स लॉन्च किया है। इस बारे में डीआरडीओ और इकोलास्टिक प्राइवेट लिमिटेड ने एक बयान में कहा, “बैग दो रूप में उपलब्ध हैं, घुलनशील और अघुलनशील। ये तीन महीनों में प्राकृतिक रूप से गल सकते हैं और इससे पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा।
आपको बता दें कि वर्तमान समय में बाजार में उपयोग होने वाले पेट्रोकेमिकल्स से बने प्लास्टिक बैग पर्यावरण के लिए भी काफी हानिकारक हैं क्योंकि इसके गलने में सालों लगते हैं। इसकी तुलना में डीआरडीओ द्वारा बनाया गया बैग अधिक टिकाऊ, किफायती हैं और सिंगल यूज प्लास्टिक के बेहतरीन विकल्प हैं। डीआरडीओ के एडवांस सिस्टम लैबोरेटरी (ASL) के निदेशक राम मनोहर बाबू ने इस बारे एन मीडिया से बात करते हुए बताया कि वे इकोलास्टिंग पैकेजिंग प्रोडक्ट्स को लॉन्च करके काफी गर्व महसूस कर रह हैं। उन्होंने कहा, “भारत सरकार ने 2022 तक देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला लिया है और ये बायोडिग्रेडेबल पैकिंग बैग उसी दिशा में हमारी मदद करेंगे।”
जानकारी के अनुसार इस तरह के पर्यावरण अनुकूल प्रोडक्ट्स इंसानों के साथ साथ प्रकृति के लिए बहुत जरूरी हैं। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने इन बैगों के वितरण को मंजूरी दे दी गयी है। इस बारे में मीडिया को संबोधित करते हुए इस काम को अंजाम देने वाले वैज्ञानिकों में से मुख्य वैज्ञानिक डॉ वीरा भ्रमम ने बताया कि ये प्रोडक्ट काफी टेस्टिंग के बाद सामने रखा गया है। एक सही फॉर्मूले पर पहुंचने के बाद इस प्रोडक्ट को बनाया और टेस्ट किया गया है। इस बैग को इसकी क्षमता और प्राकृतिक रूप से गलने जैसे फैक्टर को ध्यान में रखा कर बनाया गया है और सबसे बड़ी बात ये है कि प्लास्टिक के विकल्प के रूप सबसे टिकाऊ प्रोडक्ट इस बैग से जानवरों को भी नुकसान नहीं होगा।
आपको बता दें कि इकोलास्टिक प्राइवेट लिमिटेड के तकनीकी निदेशक पुरुषोत्तम के अनुसार आज के समय हम प्लास्टिक के उपयोग से बाख नहीं सकते, ऐसे में हमें वैकल्पिक समाधान की आवश्यकता हैं। लॉन्च किया गया पैकिंग बैग सिंगल यूज प्लास्टिक का सबसे बेहतरीन और टिकाऊ विकल्प है।
Tags: Plastic