क्या आप भी महसूस करते हैं लगातार थकान? सावधान! ये हो सकती है प्रोटीन की कमी; जानें शरीर के ये गुप्त संकेत
प्रोटीन हमारे शरीर के लिए केवल एक पोषक तत्व नहीं, बल्कि वह आधार है जिस पर हमारी पूरी शारीरिक संरचना टिकी है। मांसपेशियों के निर्माण से लेकर हड्डियों की मजबूती और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने तक, प्रोटीन हर स्तर पर अनिवार्य है। हालांकि, अक्सर लोग कैलोरी और फैट गिनने के चक्कर में पर्याप्त प्रोटीन लेना भूल जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप शरीर कई तरह के चेतावनी संकेत देने लगता है।
प्रोटीन की कमी केवल गंभीर कुपोषण का मामला नहीं है, बल्कि यह आधुनिक जीवनशैली में एक आम समस्या बनती जा रही है। इन रिपोर्टों में विशेषज्ञों ने उन 9 प्रमुख लक्षणों की पहचान की है जो यह दर्शाते हैं कि आपका शरीर पर्याप्त प्रोटीन न मिलने के कारण संघर्ष कर रहा है।
मांसपेशियों और हड्डियों पर असर
जब शरीर को डाइट से पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिलता, तो वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मांसपेशियों (Muscles) से प्रोटीन लेना शुरू कर देता है। इससे मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और शरीर की बनावट बिगड़ने लगती है। इसके अलावा, प्रोटीन की कमी से हड्डियों का घनत्व (Density) कम हो जाता है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा काफी बढ़ जाता है।
बाहरी सुंदरता और त्वचा की समस्याएं
प्रोटीन की कमी का सबसे पहला असर आपकी त्वचा, बाल और नाखूनों पर दिखता है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रोटीन की कमी से बाल पतले होकर झड़ने लगते हैं, नाखून कमजोर होकर टूटने लगते हैं और त्वचा रूखी होकर फटने लगती है। यह इस बात का संकेत है कि शरीर के बाहरी ऊतकों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल रहा है।
एडिमा और फैटी लिवर का खतरा
एक गंभीर लक्षण 'एडिमा' है, जिसमें रक्त में एल्ब्यूमिन प्रोटीन की कमी के कारण पैरों, हाथों और पेट में तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिससे सूजन आ जाती है। इसके अलावा, प्रोटीन की कमी से लिवर की कोशिकाओं में वसा (फैट) जमा होने लगता है, जिसे 'फैटी लिवर' कहा जाता है। यदि इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह लिवर की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
भूख, थकान और कमजोर इम्यूनिटी
क्या आपको बार-बार भूख लगती है या मीठा खाने की तीव्र इच्छा होती है? यह भी प्रोटीन की कमी का एक संकेत हो सकता है, क्योंकि प्रोटीन पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करता है। इसके साथ ही, लगातार थकान महसूस होना और बार-बार बीमार पड़ना यह दर्शाता है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) कमजोर हो गई है। प्रोटीन की कमी से घाव भरने में भी सामान्य से अधिक समय लगता है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि बच्चों के शारीरिक विकास और वयस्कों की कार्यक्षमता के लिए प्रोटीन अनिवार्य है। एक औसत वयस्क को अपने वजन के प्रति किलोग्राम पर कम से कम 0.8 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। अपनी डाइट में दालें, अंडे, डेयरी उत्पाद, मांस और नट्स जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करके इन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है।
