सुनील सहारण की सफलता की कहानी: छोटे कस्बे से उठकर करोड़ों वाली स्टार्टअप तक सफर
राजस्थान के छोटे से कस्बे रावतसर में जन्मे और पले-बढ़े सुनील सहारण आज उन युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं जो सीमित साधनों के बावजूद बड़ा सपना देखते हैं। सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले सुनील ने अपनी मेहनत, हिम्मत और लगन के दम पर ऐसी पहचान बनाई है, जिस पर पूरा इलाका गर्व कर सकता है। उनकी कंपनी Exercitoo को हाल ही में आठ करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर seed funding मिली है और अब वे दो हजार छब्बीस की शुरुआत में अगला निवेश चरण लाने की तैयारी कर रहे हैं।
हाई स्कूल के बाद भारतीय वायु सेना में भर्ती, वहीं से बदली सोच
सुनील सहारण ने अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद भारतीय वायु सेना में भर्ती ली। अनुशासन, देश सेवा और कड़ी ट्रेनिंग से भरी इस जिंदगी ने उन्हें मजबूती, समय प्रबंधन और जिम्मेदारी का असली अर्थ समझाया। वायु सेना में रहते हुए ही उनके मन में यह विचार लगातार चलता रहा कि उन्हें अपने जीवन से कुछ अलग और बड़ा करना है, ऐसा काम जो समाज और देश के विकास में सीधा योगदान दे।
सेवा के साथ-साथ उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और Bachelor in Electronic की डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई और अनुभव बढ़ने के साथ उन्हें यह महसूस होने लगा कि भारत के छोटे और मध्यम उद्योगों के बीच तकनीक की बहुत कमी है। बहुत से व्यवसाय आज भी पुराने तरीके से चल रहे हैं, जबकि समय डिजिटल और तेज़ तकनीक का है।
सुरक्षित नौकरी छोड़कर उद्यमिता की राह चुनना आसान नहीं था
स्थिर नौकरी, अच्छा वेतन और सम्मानजनक पद होने के बाद भी सुनील सहारण ने एक दिन फैसला किया कि अब उन्हें अपने सपने के पीछे पूरा समय देना होगा। परिवार और समाज के कई लोग इस फैसले से सहमत नहीं थे। किसी ने कहा कि ऐसी नौकरी छोड़ना ठीक नहीं, तो किसी ने यह तक कह दिया कि इतना जोखिम लेना समझदारी नहीं है।
लेकिन सुनील ने तय कर लिया था कि वे सिर्फ नौकरी तक सीमित नहीं रहना चाहते। उन्होंने खुद से ऑटोमेशन और सॉफ्टवेयर से जुड़े विषय सीखने शुरू किए। शुरू में न कोई गाइड था, न बड़ी टीम। बस एक लक्ष्य था कि छोटे व्यवसायों की समस्याओं को तकनीक के जरिए हल करना है।
Exercitoo की शुरुआत, छोटा कदम लेकिन बड़ा विज़न
इसी सोच के साथ सुनील ने अपने जैसे सोच रखने वाले कुछ युवाओं को साथ जोड़ा और Exercitoo की शुरुआत की। यह कंपनी SaaS (software as a service) प्रोडक्ट के ज़रिए भारत के MSME सेक्टर के लिए समाधान तैयार कर रही है।
बहुत से छोटे और मध्यम उद्यम आज भी मैनुअल काम, कागज़ों के ढेर और मानवीय गलतियों से परेशान रहते हैं। उनकी बिक्री, ग्राहक प्रबंधन, हिसाब-किताब और आंतरिक कामकाज में काफी समय और पैसा खर्च होता है। Exercitoo ऐसे टूल और सिस्टम बना रही है जो इन दिन–प्रतिदिन के कामों को ऑटोमेशन की मदद से आसान और तेज़ बना दें ताकि उद्यमी अपने असली काम यानी व्यापार बढ़ाने पर ध्यान दे सकें।
आठ करोड़ के मूल्यांकन पर seed funding और दो हजार छब्बीस की नई तैयारी
कड़ी मेहनत और कई उतार–चढ़ाव के बाद अंततः वह समय आया जब Exercitoo को निवेशकों ने सराहा। कंपनी को आठ करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर seed funding प्राप्त हुई। यह सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि सुनील सहारण की सोच और विज़न पर मिला विश्वास है।
अब सुनील और उनकी टीम का अगला लक्ष्य है कि वे दो हजार छब्बीस की शुरुआत में नई फंडिंग लेकर कंपनी का विस्तार और तेज़ करें। उनका सपना है कि आने वाले तीन वर्षों में दस लाख से अधिक MSME उद्यमों को तकनीक और ऑटोमेशन से जोड़कर उनका ऑपरेशनल खर्च कम करें और विकास की गति तेज कर सकें।
छोटे शहर के युवाओं के लिए बड़ी प्रेरणा
आज सुनील सहारण की सफलता इस बात का प्रमाण है कि अगर इरादा मजबूत हो, मेहनत सच्ची हो और सीखने की इच्छा बनी रहे, तो छोटा कस्बा भी बड़े सपनों की शुरुआत बन सकता है।
उनकी कहानी उन सभी युवाओं के लिए संदेश है जो सोचते हैं कि साधन कम हैं, तो मौका भी कम होगा। सुनील ने दिखा दिया कि सही दिशा में किया गया प्रयास, सही समय पर लिया गया जोखिम और अपने सपने पर विश्वास, इंसान को वहां तक पहुंचा सकते हैं जहां तक उसने शायद सोचा भी न हो।
