रेमड़ेसिविर दवाओं को लेकर लगे आरोप को लेकर जानें क्या बोले सोनू सूद
By Loktej
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महामारी के समय में सोनू सूद ने की थी काफी जरूरतमंद लोगों की सहायता
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर सोनू सूद के ऊपर रेमड़ेसिविर और टोसिलिझूमेब इंजेक्शन का व्यापार करने का आरोप लगाया गया था। एक्टर पर गलत तरीके से उन इंजकेशनों का व्यापार करने का आरोप लगाया गया, जिसके चलते कोर्ट में पीआईएल दर्ज की गई थी। चीफ जस्टिस दीपाशंकर दत्ता और जस्टिस गिरीश कुलकर्णी की बैच द्वारा पीआईएल पर की गई सुनवाई की थी, जिस दौरान उन्होंने एक्टर की बात सुनने की दरखास्त मंजूर की थी।
सोनू के वकील ने कोर्ट में मामले कि सुनवाई में हस्तक्षेप के लिए एप्लिकेशन दी थी। सोनू ने अपनी एप्लिकेशन ने कहा कि उसन्से महामारी कि शुरुआत से ही जरूरतमंदो के लिए काम कर रहे है। उन्होंने अपने जुहू स्थित होटल में डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स को फ्री में रहने के लिए सुविधा उपलब्ध करवाई थी। इसके अलावा लोकडाउन के दौरान भी उन्होंने हर दिन 45 हजार रुपए का खाना लोगन में बांटा था। इसके अलावा राज्य सरकारों और ओथोरिटीज से खुद के खर्च पर 20 हजार से अधिक लोगों को मुफ्त में यात्रा करवाई थी।
महामारी के दौरान लोकडाउन में सोनू के अच्छे कामों की दुनियाभार में प्रशंसा हुई और यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम द्वारा मशहूर SDG स्पेशियल ह्यूमेनिटेरियन एक्शन एवोर्ड से सम्मानित किया गया था। सोनू ने कहा की अप्रैल 2021 में जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी तब लोगों के लिए जरूरी दवाओं की कमी होने लगी। जहां लोगों को सही जगह ना पता होने के कारण वह दवाएं नहीं हासिल नहीं कर पा रहे थे। इसलिए उन्होंने निर्णय किया कि जरूरत मंद लोगों को दावा दिलाने के लिए वह हर जरूरी जगह पर संपर्क करेंगे, जिससे कि लोगों को दवा उपलब्ध हो सके।
सोनू ने कहा वह सबसे पहले मरीजों के पास से आधार कार्ड, कोरोना रिपोर्ट, डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन जैसे डोक्यूमेंट्स मँगवाए जाते थे। जिसके बाद वह अस्पताल का संपर्क कर मरीज कि जानकारी वेरिफ़ाई करते थे। इसके बाद वह अपने संपर्कों के माध्यम से उन्हें जरूरी दवाएं दिलाई थी। सोनू कि एप्लिकेशन के अनुसार, उन्होंने कभी भी व्यापार के लिए दवाएं नहीं खरीदी थी। उन्होंने मात्र लोगों को उन ठिकानों का पता बताया जहां से उन्हें दवाएं मिल सकती थी।