'धुरंधर' का बॉक्स ऑफिस पर धमाका: 730 करोड़ की कमाई के साथ जासूसी और सरकारी तंत्र की नई मिसाल बनी फिल्म

'धुरंधर' का बॉक्स ऑफिस पर धमाका: 730 करोड़ की कमाई के साथ जासूसी और सरकारी तंत्र की नई मिसाल बनी फिल्म

रणवीर सिंह और अक्षय खन्ना की फिल्म 'धुरंधर' ने भारतीय सिनेमा में एक नया इतिहास रच दिया है। यह फिल्म न केवल कमाई के मामले में रिकॉर्ड तोड़ रही है, बल्कि अपनी यथार्थवादी कहानी और निर्माण शैली के कारण भी चर्चा का केंद्र बनी हुई है। बॉक्स ऑफिस पर अपनी बादशाहत कायम करने के साथ-साथ यह फिल्म आधुनिक फिल्म निर्माण और खुफिया तंत्र की बारीकियों को समझने का एक नया जरिया बनकर उभरी है।

'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म ने रिलीज के 15वें दिन भी अपनी पकड़ मजबूत रखी है। जेम्स कैमरून की 'अवतार: फायर एंड ऐश' जैसी बड़ी हॉलीवुड फिल्म से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने के बावजूद, 'धुरंधर' ने वैश्विक स्तर पर 730 करोड़ रुपये से अधिक का शानदार कलेक्शन कर लिया है। रणवीर सिंह और अक्षय खन्ना के दमदार अभिनय ने दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने में बड़ी भूमिका निभाई है।

फिल्म की इस अभूतपूर्व सफलता के पीछे इसकी निर्माण शैली का भी बड़ा हाथ माना जा रहा है। 'द हिंदू' के एक विश्लेषण के अनुसार, 'धुरंधर' को 'गवर्नमेंट-एम्बेडेड' (सरकार-संबद्ध) फिल्म निर्माण का एक प्रमुख उदाहरण माना जा रहा है। फिल्म में राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के चित्रण में सरकारी विमर्श और आधिकारिक दृष्टिकोण का गहरा प्रभाव दिखता है। वास्तविक लोकेशंस और रक्षा उपकरणों का उपयोग इस फिल्म को अन्य जासूसी फिल्मों की तुलना में अधिक प्रामाणिक और भव्य बनाता है।

 

फिल्म की कहानी की गहराई और इसके तकनीकी पहलुओं को लेकर 'इंडिया टुडे' के पॉडकास्ट 'इन आवर डिफेंस' में भी विस्तार से चर्चा की गई है। इस चर्चा में बताया गया कि कैसे 'धुरंधर' पाकिस्तान में RAW (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के बदलते स्वरूप और वहां सक्रिय 'स्लीपर एजेंट्स' की जटिल दुनिया को पर्दे पर उतारती है। यह फिल्म केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि खुफिया ऑपरेशन्स की बारीकियों, जासूसों के संघर्ष और दशकों से विकसित हो रहे भारतीय खुफिया तंत्र की एक झलक पेश करती है।

कुल मिलाकर, 'धुरंधर' ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी धाक जमाने के साथ-साथ सिनेमा और वास्तविकता के बीच की दूरी को कम किया है। यह फिल्म इस बात का प्रमाण है कि यदि दमदार कहानी को सरकारी सहयोग और रणनीतिक गहराई के साथ पेश किया जाए, तो वह न केवल व्यावसायिक रूप से सफल होती है, बल्कि दर्शकों के बीच एक गंभीर विमर्श भी पैदा करती है।

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