सूरत : तीसरी मंजिल से गिरकर बुजुर्ग की मौत, एम्ब्रोडरी कपडों का पोटला नीचे फेंकने के दौरान बिगड़ा संतुलन

सूरत : तीसरी मंजिल से गिरकर बुजुर्ग की मौत, एम्ब्रोडरी कपडों का पोटला नीचे फेंकने के दौरान बिगड़ा संतुलन

उधना के बमरोली इलाके में एक अधेड़ की तीसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई

सूरत के बमरोली इलाके में हैरान कर देने वाली घटना हुई है। मनोज शुक्ला नाम का एक शख्स जो रिक्शा चालक का काम करता है। वह फैक्ट्री से जॉब वर्क के लिए कच्चा माल लेकर जाता था। तीसरे से उसने पोटला फेंकते हुए अपना संतुलन खो दिया और वह खुद जमीन पर गिर गया। मौत के ये लाइव सीन सीसीटीवी में कैद हो गए। उधर, मनोज शुक्ला की मौत से परिवार में शोक की लहर दौड़ गई।

सीसीटीवी सामने आया


मनोज शुक्ला उधना बमरोली इलाके में पंचशील नगर सोसाइटी में रहते हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले मनोज शुक्ला कई सालों से सूरत में रिक्शा चालक के रूप में काम कर रहे हैं। फैक्ट्री से वे जॉब वर्क के लिए बॉक्स ले जाते हैं। जिसमें साड़ी और ड्रेस मटेरियल है। फैक्ट्री के ऊपर पहुंचकर वे तीसरी मंजिल की खिड़की से एक के बाद एक बोक्स फेंकते थे ताकि वह तीसरी मंजिल से नीचे न गिरे। अचानक संतुलन बिगडऩे से वे पोटला सहित नीचे गिर पड़े। इसलिए उनका दुखद निधन हो गया।

शोक की लहर छा आई


मनोज शुक्ला भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी थे। वह वर्तमान में वार्ड नंबर 23 उधना-बामरोली में बूथ अध्यक्ष थे। उन्होंने अपना रिक्शा नीचे खड़ा कर दिया। नीचे एक महिला भी खड़ी थी जो आसपास से कूड़ा उठा रही थी। उसने महिला को दूर खड़े होने के लिए कहा। कुछ देर तक महिला उसकी बात सुनती रही।

पोटलों के साथ नीचे गिरा


मनोज शुक्ला एक के बाद एक बोक्स के पोटले फेंकने लगे। पोटलों के साथ-साथ, उसने अचानक अपना संतुलन खो दिया और अपने शरीर को खिड़की से बहुत बाहर फेंक दिया। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि वे नीचे तीसरी मंजिल से गिरे थे। मनोज शुक्ला को नीचे गिरता देख नीचे खड़ी एक अन्य फैक्ट्री का युवक भी दौड़ा।


सिर में गंभीर चोट लगने से मौत


मनोज शुक्ला को जिस तरह तीसरी मंजिल से गिर गया जाहिर है कि उसके सिर में गंभीर चोट लगी थी। चोट लगने के कारण उन्हें इलाज के लिए किरण अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस तरह का काम मनोज शुक्ला नियमित करते थे। लेकिन अचानक हुई इस घटना से उनके परिवार वालों में भी मातम छाया हुआ है।
Tags: