सूरत : अंततः पुरानी लय में आ रहा हैं कपड़ा व्यापार, मीलों में 50 प्रतिशत तक बढ़ी ग्रे आय, तैयार मालों की भी डिलीवरी शुरू

सूरत : अंततः पुरानी लय में आ रहा हैं कपड़ा व्यापार, मीलों में 50 प्रतिशत तक बढ़ी ग्रे आय, तैयार मालों की भी डिलीवरी शुरू

दिवाली को देखते हुए व्यापारियों से शुरू की अपनी तैयारियां, अधिकांश मिले कार्यरत, गाँव से लौटने लगे हैं कारीगर

पहले कोरोना और फिर मंदी की मार झेल रहा कपड़ा व्यापार अब धीरे-धीरे अपनी लय पकड़ रहा है। बीते तीन-चार महीने से भयंकर मंदी से जूझने के बाद अब कपड़ा व्यापार से जुड़े व्यापारियों ने आगामी त्योहारी सीजन की खरीदारी की तैयारी शुरू कर दी है। इससे अब मिलों की आय में वृद्धि देखी जा रही है। लंबे समय से खाली पड़े डाइंग-प्रसंस्करण इकाइयों के गोदाम भी धीरे-धीरे भर रहे हैं। साथ ही व्यापारियों को फिनिशिंग डिलीवरी भी बढ़ गई है।

गये गांवों से लौटने लगे हैं कारीगर

आपको बता दें कि पिछले दो हफ्तों में परिचालन में सुधार के कारण मिलों में ग्रे आय में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे ऐसी उम्मीद लगाईं जा रही हैं कि डाइंग-प्रसंस्करण इकाइयों को दिवाली तक अधिक परेशानी नहीं होनी चाहिए। साथ ही कपड़ा बाजार में परिचालन बेहतर होने से कारीगर भी अपने गांवों से लौट रहे हैं। मंदी के दौरान बड़ी संख्या में कारीगर घर गए थे। जिनकी वापसी अब शुरू हो चुकी है और बड़ी संख्या में कारीगर लौट चुके हैं। अपने वतन गए कारीगरों को लगातार इस बात की जानकारी मिल रही है कि कपड़ा बाजार में काम में सुधार हुआ है या नहीं।

मीलों में पूरी क्षमता से काम नहीं शुरू हुआ पर अधिकांश मिलें चालू

गौरतलब है कि डाई प्रोसेसिंग यूनिट में ग्रे का खाता आने लगा है। साथ ही मिलों से तैयार स्टॉक की डिलीवरी भी बढ़ गई है। लेकिन अभी तक व्यापारियों की ओर से बहुत ज्यादा काम नहीं होने के कारण दक्षता के हिसाब से काम नहीं हो पा रहा है। साथ ही व्यापारियों के साथ लाने-ले जाने जैसी कोई बात नहीं हो रही है, क्योंकि अभी भी मार्केट में उतनी मांग नहीं है जितनी सामान्यता दिनों में होती है। फिलहाल अच्छी बात तो ये है कि इस समय अधिकांश मिलें चालू हो चुकी हैं।
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