सूरत के कपड़ा बाज़ार में टेम्पो चालकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी, ग्रे कपड़े की डिलीवरी पूरी तरह ठप
अवैध पार्किंग वसूली के खिलाफ गांधीगिरी पर उतरे चालक, 70 से 100 रुपये प्रति फेरा की मनमानी वसूली का आरोप; प्रशासन की निष्क्रियता पर भड़के यूनियन नेता
सूरत : शहर के रिंग रोड और सूरत-कड़ोदरा रोड पर स्थित कपड़ा बाज़ार इलाके में मनमाने और अवैध ढंग से पार्किंग शुल्क वसूली के खिलाफ टेम्पो चालकों की हड़ताल गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रही। इस हड़ताल के चलते ग्रे कपड़े की डिलीवरी पूरी तरह ठप हो गई है, जिससे कपड़ा बाज़ार में सन्नाटा पसरा हुआ है और सड़कें खाली दिख रही हैं।
हड़ताल पर उतरे टेम्पो चालक श्रमिकों ने 'गांधीगिरी' का प्रदर्शन किया। जो इक्का-दुक्का टेम्पो चालक 'खाते वालों' (नियमित ग्राहकों) के दबाव में आकर ग्रे कपड़ा भरकर निकले, उन्हें हड़ताल का पालन करने का अनुरोध करते हुए गुलाब का फूल और माला पहनाई गई।
टेम्पो एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रवण सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रशासन और बाज़ार के संबंधित घटकों की निष्क्रियता के कारण यह हड़ताल करने की नौबत आई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, यह हड़ताल जारी रहेगी।
चालक श्रमिकों का आरोप है कि पार्किंगों में उनसे मनमाने और अवैध ढंग से प्रति फेरा 70 से लेकर 100 रुपये तक का पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है। इसके अलावा, एक ही पार्किंग बिल्डिंग या कंपाउंड में टेम्पो चालकों से कई बार अलग-अलग पार्किंग शुल्क वसूला जाता है। इन "पार्किंग माफियाओं" के इस गोरखधंधे के खिलाफ टेम्पो चालक श्रमिक एकजुट होकर हड़ताल पर हैं।
मजदूर यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा और प्रवक्ता शान खान ने कहा कि पार्किंग शुल्क के नाम पर उगाही का जो साम्राज्य चल रहा है, उसे चलाने वालों और उन्हें संरक्षण देने वालों को अब सुधरना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग पूरी तरह से अनियंत्रित हो चुके हैं और मनमानी की सारी सीमाएं लांघ दी हैं। मिश्रा और खान ने इस हड़ताल को उनके "दुष्कृत्यों के विरुद्ध एक प्रतिकार" बताया।
इस हड़ताल से सूरत के कपड़ा उद्योग पर सीधा असर पड़ रहा है, और यदि यह जारी रहती है तो व्यापार को भारी नुकसान होने की आशंका है। प्रशासन और संबंधित पक्षों की ओर से इस मुद्दे पर क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखना बाकी है।