अहमदाबाद से सूरत आये युवक का फिल्मी स्टाइल में अपहरण, जानिये लाखों के लेन-देन का क्या था मामला

व्यापार के लिए उधार लिए थे 28 लाख रुपये, नहीं चल व्यापार तो बिना चुकाए भाग आया था

एक युवक पहले सूरत में एक बैंक में काम करता था और उस नौकरी को छोड़कर राजकोट के दो युवकों के पास अहमदाबाद चला गया।अहमदाबाद में उसने दूसरों से पैसे लेकर काली मिर्च मसाले का आयात-निर्यात व्यवसाय शुरू किया। ये काम बहुत अच्छा नहीं चला। काम नहीं चलने पर वो इवक अपना कर्ज़ नहीं उतार पाया और लोगों को बिना पैसे दिए सूरत आया। यहां आ कर वल अपने दोस्तों के साथ राजकोट में एक नया व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहा था। ऐसे में दो युवकों ने 28 लाख रुपये निकालने के लिए उसके दोस्तों के सामने एक कार में उसका अपहरण कर लिया।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सूरत में रहने वाले और यश बैंक में काम करने वाले प्रतीक पुरुषोत्तांभाई पघदल ने दो साल पहले नौकरी छोड़ दी और अहमदाबाद चले गए और रिश्तेदारों और परिचितों से पैसे लेकर काली मिर्च मसालों का आयात-निर्यात कारोबार शुरू किया। हालांकि, जब व्यवसाय नहीं चला, तो वह सारा पैसा दिए बिना सूरत लौट आया और अपने दोस्तों के साथ यहां एक नया व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहा था। इसी के लिए अपने दोस्त लालजी ओधाभाई बगदरिया, जुपिन धड़क और कुछ दोस्त के साथ एक दोस्त के वराछा की कपड़े की दुकान, ताप्ती गंगा आर्केड में गया। जहां सब मिलकर नाश्ता करने लगे।
इसके बाद किसी का कॉल आने पर प्रतीक बाहर चला गया। चंद मिनटों में सुरक्षा गार्ड ने प्रतीक को लेकर जाने वाली बात बताई। सभी दोस्त बाहर गए तो उन्होंने देखा कि अपने चेहरे पर रूमाल बांधे दो युवक प्रतीक को जबरन एक कार में ले बैठा लिए। लालजी ने कार का नंबर नोट किया और इस बारे में पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया। वराछा पुलिस हरकत में आई।  कार नंबर और टोल हाउस के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार के अहमदाबाद की ओर जाने की जानकारी मिली। इसके बाद वडोदरा और अहमदाबाद पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने वसाड चौक के पास कार को पकड़ कर प्रतीक को मुक्त कराया और राजकोट के दो युवकों जय हसमुखभाई पटेल और हिरेन रणछोड़भाई पटेल को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने दोनों से पूछताछ की और पाया कि प्रतीक ने मिर्च मसाला का आयात-निर्यात कारोबार शुरू करने के लिए उनसे 28 लाख रुपये लिए थे। लेकिन कारोबार नहीं चलने के कारण उसने पैसे नहीं लौटाए। इसलिए उन्होने वारदात को अंजाम दिया।