सूरत : पंद्रह दिन पहले गिरफ्तार हुए तस्करों के पास से मिली थी ‘बाघ नकली की खाल’

सूरत : पंद्रह दिन पहले गिरफ्तार हुए तस्करों के पास से मिली थी ‘बाघ नकली की खाल’

आज के समय हर क्षेत्र में तस्करी, सूरत जिले के मांडवी में पंद्रह दिन पहले गिरफ्तार किए गए तीन लोगों के कब्जे से मिली बाघ की खाल असल में बाघ की खाल नहीं है

अब तो हर क्षेत्र में धोखाधड़ी और बेईमानी होने लगी है। अच्छे अच्छे कामों के बीच अब तस्करी में भी दगाबाजी हो रही है। अब तो बाघ की खाल के नाम पर भी शिकारी ठगी कर रहे हैं। प्रयोगशाला की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सूरत जिले के मांडवी में पंद्रह दिन पहले गिरफ्तार किए गए तीन लोगों के कब्जे से मिली बाघ की खाल असल में बाघ की खाल नहीं है।
आपको बता दें कि वन विभाग के अधिकारियों ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए मांडवी के उशकेर गांव में बाघ की संदिग्ध खाल वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया। बाद में चमड़े को देहरादून में भारतीय वन्यजीव संस्थान में परीक्षण के लिए भेजा गया। हालांकि, आज लैब की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह चमड़ा नकली है। उल्लेखनीय है कि प्राथमिक जांच में वन अधिकारी भी नकली चमड़े की पहचान नहीं कर सके।
उप वन संरक्षक पुनीत नायर ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट है कि यह खाल बाघ की नहीं है। यह दूसरे जानवर की बूढ़ी त्वचा पर रंग लगाकर बाघ की खाल की तरह बनाया जाता है। यह अनुसूची श्रेणी के जानवर से संबंधित नहीं है। इन लोगों को ये खाल कहाँ से मिली? इसकी जांच की जा रही है।
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